इंग्लैंड के WTC फाइनल में नहीं पहुंचने का दोषी ICC का पॉइंट सिस्टम: स्टुअर्ट ब्रॉड
नई दिल्ली। आईसीसी की ओर से पहली बार विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का आयोजन किया जा रहा है जिसके फाइनल मैच में भारत और न्यूजीलैंड की टीमें साउथैम्पटन के मैदान पर भिड़ेंगी। भारतीय टीम ने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के इनॉग्रल संस्करण के फाइनल में पहुंचने के लिये इंग्लैंड की टीम को 3-1 से हराकर अपनी जगह पक्की करने का काम किया और इंग्लैंड की टीम के टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल खेलने के सपने को तोड़ने का काम किया। इससे इंग्लिश खिलाड़ियों को दुख तो हुआ लेकिन किसी ने अपना दुख कहा नहीं।
हालांकि इंग्लैंड क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में नहीं पहुंचने का दोष आईसीसी और उसके प्वाइंटस सिस्टम पर फोड़ा है और कहा कि उन्हें समझ नहीं आया कि 5 मैच और 2 मैच की टेस्ट सीरीज के प्वाइंटस बराबर कैसे हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के चलते कई क्रिकेट टीमें अपनी पूरी सीरीज नहीं खेल सकी थी जिसके चलते आईसीसी को बीच में अपने प्वाइंट सिस्टम में बदलाव करना पड़ा।
आईसीसी के पुराने प्वाइंट सिस्टम के हिसाब से एक सीरीज में अधिकतम 120 अंक दिये जा सकते हैं चाहें टीमें कितने भी मैच खेल रही हों, इस दौरान टीमें जितने मैच खेलेंगी उसमें बराबर अंक बांट दिये जायेंगे। हालांकि बाद में आईसीसी ने प्वाइंट सिस्टम को बदलकर जीत प्रतिशत में बदल दिया और उसी के चलते न्यूजीलैंड की टीम फाइनल की रेस में शामिल हुई और फाइनल में पहुंच गई।
आईसीसी ने हर सीरीज के लिये समान प्वाइंटस सिस्टम की व्यवस्था इसलिये की थी ताकि कम टेस्ट खेलने वाली टीम पर इसका गलत असर ना पड़े।
स्टुअर्ट ब्रॉड ने आईसीसी के प्वाइंट सिस्टम की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि 5 मैचों की एशेज सीरीज और 2 मैचों की भारत-बांग्लादेश टेस्ट सीरीज के अकं बराबर कैसे हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘टेस्ट प्रारूप को बेहतर करने के लिये विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का आयोजन कराना अच्छी सोच है लेकिन मुझे नहीं लगता कि अभी तक यह बिल्कुल सही है। पहली बार इसका आयोजन किया जा रहा है लेकिन मेरी समझ में नहीं आ रहा कि 5 मैचों की एशेज सीरीज और 2 मैचों की भारत-बांग्लादेश सीरीज के एक जैसे अंक कैसे हो सकते हैं।’
इंग्लैंड के लिये 500 से ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने स्टुअर्ट ब्रॉड का मानना है कि मौजूदा प्वाइंट सिस्टम के तहत इंग्लैंड के लिये विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल मैच में पहुंच पाना बेहद मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा, ‘आईसीसी को अपने प्वाइंट सिस्टम पर काम करने की जरूरत है। हमारे पास मौका था लेकिन इंग्लैंड की टीम जितना अधिक टेस्ट क्रिकेट खेलती है और उसे देखते हुए मौजूदा व्यवस्था में उसके लिये फाइनल में जगह बनाना मुश्किल होगा।’
गौरतलब है कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम ने सबसे पहले जगह बनाने का काम किया था जिसके बाद दूसरी टीम के लिये ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत के बीच रेस जारी थी लेकिन भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 और इंग्लैंड की टीम को 3-1 से हराकर अंकतालिका में पहला स्थान हासिल कर लिया और फाइनल में पहुंच गया। ऑस्ट्रेलिया की टीम तीसरे पायदान पर काबिज रही जबकि इंग्लैंड की टीम ने चौथा स्थान हासिल किया।