रैबीज़ के बारे में जागरूकता पैदा करने किये HSI India ने नुक्कड़ नाटकों का किया आयोजन
लखनऊ:
विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर, ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया ने लखनऊ के मायावती कॉलोनी, तकरोही, इंदिरानगर जोन 7 और मुफ्तीगंज ठाकुरगंज में रेबीज के बारे में समुदाय में जागरूकता बढ़ाने के प्रयोजन से एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। एचएसआई/इंडिया के कर्मचारियों, स्वयंसेवकों और अन्य स्थानीय संगठनों ने मिलकर 20 मिनट के नाटक से दर्शकों को ज़ूनोटिक बीमारी एवं सुरक्षा के उपायों, कुत्तों में रेबीज के लक्षणों की पहचान करने, कुत्ते के काटने पर तत्काल करने योग्य कार्यों और रेबीज को फैलने से रोकने के एहतियाती उपायों के बारे में शिक्षित किया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, विश्व में हर साल रेबीज से कम से कम 55,000 मौतें होती हैं, और इनमें से कम से कम 36% मौतें भारत में होती हैं। जहाँ रेबीज़ को पूरी तरह से रोका जा सकता है, जनता में इसकी जानकारी की कमी अभी भी एक चुनौती बनी हुई है। इसे हल करने के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण कुंजी है! नुक्कड़ नाटक को शिक्षा के एक मार्ग के रूप में उपयोग करके रेबीज जागरूकता को आकर्षक और यादगार बनाना पशु संरक्षण संगठन का लक्ष्य है।
डॉ. संजय अहीर, सीनियर मैनेजर, स्ट्रीट डॉग प्रोग्राम, एचएसआई/इंडिया बताते हैं “हम कुत्तों व समुदायों, दोनों ही के लिए लखनऊ को एक सुरक्षित शहर बनाने के मिशन पर हैं। 2019 से, हमारे कार्यक्रम ने कुत्तों के व्यवहार और रेबीज की रोकथाम की दिशा में में निवासियों को जोड़ते हुए 66,000 से अधिक आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया है,” उन्होंने आगे कहा “इस विश्व रेबीज दिवस पर एक नया मोड़ देते हुए हम नाटकों के माध्यम से मनुष्यों और कुत्तों के समग्र कल्याण के लिए जागरूकता में वृद्धि कर रहे हैं। एक बार में नाटक का एक अंक”।
लखनऊ नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा कहते हैं, “शिक्षा से मनोरंजन को जोड़कर, एचएसआई/इंडिया की टीम ने रेबीज के खतरे को कम करने के लिए जानकारी देकर और सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित कर दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी है।”
यह पहल संगठन के एकीकृत कुत्ता प्रबंधन कार्यक्रम का एक हिस्सा है। इसमें पूरे लखनऊ के लोगों और गली के कुत्तों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक सामुदायिक भागीदारी और पालतू जानवरों के उत्तरदायी पालन-पोषण के साथ-साथ पशु जन्म नियंत्रण भी शामिल है।