लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घरौनी वितरण का यह कार्यक्रम भारत के लोकतंत्र के इतिहास का बहुत ही महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत गांव में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को उसके मकान की जमीन का अभिलेख उसके नाम पर नामांतरण करते हुए उसका मालिकाना हक उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में स्वामित्व योजना के अन्तर्गत 11 लाख ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) का ऑनलाइन वितरण करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि घरौनी वितरण कार्यक्रम लोकतांत्रिक इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है। आज 11 लाख घरौनी वितरण का कार्यक्रम लोक भवन के इस सभागार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के प्रत्येक तहसील मुख्यालय पर आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में 23 लाख से अधिक घरौनी का वितरण हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए और जनता की आवाज को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने के लिए निर्बाध गति से संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हुए घरौनी वितरण का कार्यक्रम शुरु किया जा रहा है। प्रदेश में अब ग्रामीण क्षेत्र में 34 लाख ऐसे परिवार होंगे, जिनके पास उनकी जमीन का आवासीय पट्टा उनके नाम पर होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जब गरीब का मकान गिर जाता था, तो गांव के दबंग उसको पुनः निर्माण नहीं करने देते थे। वर्तमान राज्य सरकार ने अब इस पर पूर्ण विराम लगाया है। अब जमीन की पैमाइश, जरीब या फीते से नहीं, बल्कि गांव की खुली बैठक में ड्रोन के माध्यम से सर्वे किया जाता है। इसके पश्चात सहमति और असहमति की टिप्पणी भी ग्रामवासियों से ली जाती है। जनपद जालौन आज प्रदेश का पहला ऐसा जनपद हो जाएगा, जहां 100 प्रतिशत घरौनी का वितरण हो चुका होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगस्त, 2022 तक पूरे प्रदेश में 01 लाख 10 हजार 300 से अधिक राजस्व ग्रामों के सर्वे का कार्य सम्पन्न किया जाएगा। प्रदेश में देश के अन्दर सर्वाधिक ढाई करोड़ परिवारों को घरौनी वितरण का लक्ष्य रखा गया है। राजस्व परिषद की सहायता से यह कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में अक्टूबर, 2023 तक ग्रामीण क्षेत्र में हर एक व्यक्ति को ग्रामीण आवासीय अभिलेख उपलब्ध कराने की कार्यवाही सम्पन्न हो चुकी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी जी के ग्राम स्वराज्य और प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत का सपना ग्राम पंचायतों की आत्म निर्भरता से पूरा हो रहा है। प्रदेश में भू-माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए तहसील, जनपद, मण्डल और राज्य स्तर पर एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन किया गया है। अब तक 64,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि को भू-माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराया गया है। प्रदेश में जिन लोगों के पास कोई आवास नहीं था, उनका आवास उपलब्ध कराने का कार्य भी राज्य सरकार ने किया है। अभियान चलाकर मुसहर, थारु, कोल, वनटांगिया, सहरिया आदि समुदायों को जमीन उपलब्ध कराने का कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना कालखण्ड में निःशुल्क राशन की व्यवस्था की गयी। ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक परिवार के पास राशन कार्ड है। अभियान चलाकर प्रत्येक गरीब परिवार को निःशुल्क रसोई गैस का सिलेण्डर तथा विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। ‘हर घर नल योजना’ के माध्यम से लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। एक संवेदनशील सरकार इसी प्रकार कार्य करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा बुजुर्गाें, निराश्रित महिलाओं तथा दिव्यांगजन को पेंशन प्रदान की जा रही है। विगत 05 वर्षाें में पेंशन की राशि 300 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये की जा चुकी है। साथ ही, कुष्ठावस्था पेंशन भी प्रदान की जा रही है। ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत 05 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जा रहा है। सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना’ के अन्तर्गत न केवल किसान, बल्कि बटाईदार को भी 05 लाख रुपये तक का मुआवजा प्रदान किया जा रहा है।