दलितों के इतिहास के बिना भारत का इतिहास अधूरा: दत्तात्रेय होसबोले
टीम इंस्टेंटख़बर
RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा है कि आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए जब तक समाज का एक विशेष वर्ग “असमानता” का अनुभव करता है. एक कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि दलितों के इतिहास के बिना भारत का इतिहास अधूरा होगा. वे सामाजिक परिवर्तन में सबसे आगे रहे हैं.
यूपी चुनाव से पहले दत्तात्रेय होसबोले का ये बयान राजनीतिक लिहाज से भी जोड़कर देखा जा रहा है. आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में जातिय गणित सेट किए बिना किसी भी दल के लिए जीतना टेढ़ी खीर है. यूपी में पिछड़ों और दलितों के वोट काफी मायने रखते हैं.
आरक्षण पर होसबोले ने स्पष्ट कहा कि वो और उनका संगठन आरक्षण के प्रबल समर्थक हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सामाजिक सद्भाव और न्याय हमारे लिए राजनीतिक रणनीति नहीं हैं. ये दोनों हमारे लिए आस्था के लेख हैं.
आरक्षण को भारत के लिए एक “ऐतिहासिक आवश्यकता” बताते हुए होसबोले ने कहा कि यह तब तक जारी रहना चाहिए जब तक समाज के एक विशेष वर्ग द्वारा बराबरी की कमी का अनुभव किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि समाज में सामाजिक परिवर्तन का नेतृत्व करने वाले शख्सियत को “दलित नेता” कहना अनुचित होगा, क्योंकि वे पूरे समाज के नेता थे. जब हम समाज के SC/ST वर्गों के कई पहलुओं पर चर्चा करते हैं तो निश्चित रूप से आरक्षण जैसे कुछ पहलू सामने आते हैं. मेरा संगठन और मैं दशकों से आरक्षण के प्रबल समर्थक हैं.