देश के बंटवारे के ज़िम्मेदार जिन्ना नहीं, हिन्दू महासभा थी: स्वामी प्रसाद मौर्या
बांदा:
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर अपने बयान के कारण समाचार की सुर्खियों में हैं। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते शनिवार को कहा कि भारत-पाकिस्तान के बंटवारा का मुख्य कारण हिंदू महासभा थी न कि मोहम्मद अली जिन्ना।
उत्तर प्रदेश के बांदा में मीडिया से बात करते हुए मौर्य ने कहा कि आज की तारीख में जो भी लोग हिंदू राष्ट्र की बात कर रहे हैं, वो इस देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं।
उन्होंने कहा, “भारतीय संविधान कहता है कि धार्मिक आस्था, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर नागरिकों के बीच में कोई भी भेदभाव नहीं किया जा सकता है। इससे साफ है कि अगर इस देश में जो कोई हिंदू हिंदू राष्ट्र की बात कर रहा है, वो लोग इस देश के दुश्मन हैं।”
सपा नेता ने पत्रकारों से कहा, “जब देश आजाद हो रहा था तो उस समय सबसे पहले हिंदू महासभा ने हिंदू राष्ट्र की बात शुरू की थी, जिसके परिणामस्वरूप भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ। भारत-पाकिस्तान विभाजन के लिए जिन्ना कतई जिम्मेदार नहीं थे। देश इस कारण से बंटा क्योंकि हिंदू महासभा ने दो राष्ट्रों की मांग की थी।”
मालूम हो कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अक्सर अपने विवादित बयानों के कारण प्रेस की हेडलाइन बने रहते हैं। इससे पूर्व उन्होंने बीते अगस्त में भी कथिततौर पर हिंदू धर्म पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसका यूपी में बड़ा व्यापक विरोध हुआ था।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू समाज में ब्राह्मणवाद को कोसते हुए कहा था, “ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी असमानता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का तो कोई धर्म ही नहीं है, यह तो धर्म के नाम पर सिर्फ एक धोखा है।”
मौर्य के इस बयान पर काफी तीखी प्रतिक्रिया हुए कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि आज के दौर में हिंदुओं को गाली देना एक फैशन बन गया है और इसी फैशन में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सापी हदों को पार कर दिया है।
उन्होंने कहा, “हिंदुओं को गाली देना एक फैशन बन गया है और सपा नेता मौर्य ने हदें पार कर दी हैं। वह हर दिन जहां भी जाते हैं, हिंदू धर्म का अपमान करते हैं। इस बार उन्होंने यह कहकर कमाल कर दिया है कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है और इस पर अखिलेश जी इस पर चुप हैं। मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी को अब हिंदुओं और उनके वोटों की जरूरत नहीं है, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।”
इसके साथ ही कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन ने कहा, “मुझे लगता है कि समय अब आ गया है, जब अखिलेश यादव सपा से स्वामी प्रसाद मौर्य को अलविदा कह दें, अन्यथा यह उनकी पार्टी के लिए बहुत बुरा होगा।”