पहले ही बजट में हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने खोल दिया सौगातों का पिटारा
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश किया। इस बजट से प्रदेश की जनता को भी कई उम्मीदें थीं, क्योंकि यह प्रदेश की नई सुक्खू सरकार का पहला बजट था। सुक्खू सरकार ने अपने पहले बजट में राज्य के लोगों को कई सौगात दिए हैं। सुक्खू सरकार ने बजट में अलग-अलग सरकारी विभागों में 30 हजार पद भरने की घोषणा की है। स्वास्थ्य विभाग, तकनीकी शिक्षा, शिक्षा, पशुपालन, शहरी विकास, पंचायतीराज, जल शक्ति, बिजली बोर्ड, ग्रामीण विकास विभाग आदि में पद भरे जाएंगे। सीएम ने कहा कि महिलाओं को 1500 रुपए देने की कांग्रेस की गारंटी को फेजवाइज पूरा किया जाएगा। इसके अलावा राज्य की 20 हजार मेधावी छात्राओं को ई-स्कूटी खरीदने के लिए 25-25 हजार रुपए, प्राइवेट ई-बस और ई-ट्रक खरीदने पर 50 फीसदी सब्सिडी और सोलर प्रोजेक्ट लगाने पर युवाओं को 40 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। वहीं विधायक क्षेत्र विकास निधि को दो करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2.10 करोड़ रुपये किया। दिहाड़ी 375 रुपये करने की घोषणा की गई है।
बजट की खास बातें
निजी क्षेत्र में 90,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर देने का ऐलान।
स्वास्थ्य विभाग, तकनीकी शिक्षा, शिक्षा, पशुपालन, शहरी विकास, पंचायतीराज, जल शक्ति, बिजली बोर्ड, ग्रामीण विकास विभाग आदि में पद भरे जाएंगे।
मछली पालन के लिए तालाब निर्माण के लिए 80 फीसदी की सब्सिडी की घोषणा।
मनरेगा दिहाड़ी मौजूदा 212 रुपये से 240 रुपये करने की घोषणा।
जनजातीय क्षेत्रों में मनरेगा दिहाड़ी मौजूदा 266 रुपये से 294 रुपये करने की घोषणा।
किसानों, पशुपालकों के लिए हिम गंगा योजना शुरू होगी।
बेरोजगार युवाओं को 500 रूटों पर इलेक्ट्रिक वाहन के परमिट दिए जाएंगे।
नई ओद्यौगिक नीति और निवेशकों की सुविधा के लिए ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन खोला जाएगा।
नए मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे और मौजूदा प्लांट्स को अपग्रेड किया जाएगा।
सिंगल विंडो सिस्टम खत्म होगा। नई उद्योग नीति लाई जाएगी।
शराब पर प्रति बोतल 10 रुपये दूध सेस लगाया जाएगा। जिसका इस्तेमाल दूध उत्पादकों की आय में वृद्धि के लिए किया जाएगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 9,500 रुपये मासिक, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 6,600, आंगनबाड़ी सहायिका को 5,200, आशा वर्कर को 5,200, मिड डे मील वर्करों को 4,000, जल वाहकों (शिक्षा विभाग) को 4,400, जल रक्षक को 5,000, जल शक्ति विभाग के बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं को 4,400, पैरा फिटर तथा पंप-ऑपरेटरों को 6,000 रुपये, दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ोतरी के साथ 375 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी मिलेगी।
आउटसोर्स कर्मी को अब न्यूनतम 11,250 रुपये प्रति माह मिलेंगे।
पंचायत चैकीदार को 7,000, राजस्व चैकीदार को 5,500, राजस्व लंबरदार को 3,700 प्रतिमाह मिलेंगे।
सिलाई अध्यापिकाओं के मानदेय में 500 रुपये बढ़ोतरी की घोषणा की गई।
हमीरपुर में बस पोर्ट बनाया जाएगा जिस पर 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश में हर उपमंडल की दो पंचायतें ग्रीन पंचायतें बनेंगी।
प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन नीति लाई जाएगी।
कांगड़ा हवाई पट्टी का विस्तार मौजूदा 1372 मीटर से 3010 मीटर किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आदर्श राज्य, डीजल बसों को इलेक्ट्रिक में बदला जाएगा।
6 राष्ट्रीय और राज्य उच्च मार्गों का इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकास किया जाएगा।
प्राइवेट बस ऑपरेटरों को ई-बस और प्राइवेट ट्रक ऑपरेटरों को ई-ट्रक की खरीद के लिए 50 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये तक का उपदान दिया जाएगा।
हिमाचल पथ परिवहन निगम की 1,500 डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से चरणबद्ध ढंग से बदलने के लिए 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
100 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल कॉलेज हमीरपुर, नाहन और चंबा के भवनों के कार्य पूरा करके उनका लोकार्पण किया जाएगा।
प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में आपात विभाग को अपग्रेड करके आपातकालीन चिकित्सा विभाग स्थापित किया जाएगा।
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक स्वास्थ्य संस्थान को आदर्श स्वास्थ्य संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा।
टाइप-1 शुगर से पीड़ित गर्भवती महिलाओं औक बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए इंसुलिन पंप उपलब्ध करवाए जाएंगे।
20 हजार मेधावी छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी के लिए 25 हजार सब्सिडी दी जाएगी।
10 हजार मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट, 762 स्कूलों में आईसीटी योजना
महाविद्यालयों में वर्ष में दो बार रोजगार मेलों और विशेष प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन होगा।
शिक्षा में गुणवत्ता सुधारने तथा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी उपयोग करने के लिए प्रत्येक वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी।
10 हजार मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट, 762 स्कूलों में आईसीटी योजना के तहत डिजिटल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, 17 हजार 510 प्राइमरी नियमित अध्यापकों के लिए टैबलेट तथा 40 हजार बच्चों के लिए डेस्क की व्यवस्था की जाएगी।
प्रदेश के 11 सरकारी आईटीआई में ड्रोन सर्विस टेक्निशियनकोर्स चरणबद्ध तरीके से शुरू किए जाएंगे।
कौशल विकास निगम की ओर से ड्रोन, इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर ऊर्जा क्षेत्रों में 500-500 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एडीबी के सहयोग से 1,311 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन विकास योजना शुरू की जाएगी। कांगड़ा जिला को हिमाचल प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा।
स्थानीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए पर्यटक ग्राम की स्थापना की जाएगी।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ओल्ड एज होम विकसित किए जाएंगे।
बनखंडी में 300 करोड़ रुपये की लागत से चिड़ियाघर का निर्माण होगा।
एडीबी के माध्यम से 1,311 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन विकास योजना के तहत कांगड़ा, हमीरपुर, कुल्लू, शिमला, मंडी सहित अन्य जिलों में हेरिटेज साइट के सौंदर्यीकरण, इको टूरिज्म और पर्यटन सुविधाओं के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी।
इसके तहत कांगड़ा जिला में 390 करोड़ रुपये, हमीरपुर 257 करोड़, कुल्लू 229 करोड़, शिमला123 करोड़ रुपये और मंडी जिले में 138 करोड़ रुपये तथा अन्य स्थानों पर 174 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पर्यटन सुविधाएं दी जाएंगी।