नॉएडा एक्सप्रेसवे पर हेलमेटमैन ने बांटे हेलमेट, समझाया जीवन का मूल्य
टीम इंस्टेंटखबर
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नोएडा से ग्रेटर नोएडा की तरफ आने वाले कृष्ण द्वार पर हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार ने बिना हेलमेट चलने वालों को तिरंगा झंडा और हेलमेट देकर लोगों को इस बात के लिए जागरूक किया कि वह अपने जीवन का मूल्य समझें और उसके प्रति लापरवाई न बरतें साथ एक्सीडेंटल बीमा के रूप में सड़क सुरक्षा टीका लेने का भी आग्रह किया जिसमें सड़क दुर्घटना के अंतर्गत पांच लाख रूपये का इन्शुरन्स होता है.
इस मौके पर हेलमेट मैन लोगों को यह बताना नहीं भूलते कि आज से 7 साल पहले उनके एक मित्र की इसी जगह सड़क दुर्घटना में इसलिए मौत हो गयी थी क्योंकि वह हेलमेट नहीं लगाए हुए थे. हेलमेट मैन ने बताया कि आज इस जगह वह सभी को अपना मित्र समझकर हेलमेट दे रहे हैं ताकि वह सुरक्षित रह सकें.
हेलमेट मैन का मानना है कि हमारा भारत सड़क दुर्घटना मुक्त तभी बनेगा जब पूरा देश सौ प्रतिशत साक्षर होगा. हेलमेट मैन पिछले 7 वर्षों में अब तक 22 राज्य में 49 हजार से ज़्यादा हेलमेट बांटकर 7 लाख बच्चों तक निशुल्क पुस्तकें पहुंचा चूके है और लगातार वह अपने अनोखे अंदाज़ में देश की सेवा कर रहे हैं.
हेलमेट मैन ने एक वेबसाइट helmetmanindia.com के नाम से शुरुआत की है. जहां BIS स्टैंडर्ड के हेलमेट लिस्टेड होंगे जिसको भारत सरकार ने कंपनियों को हेलमेट मैनुफैक्चरिंग करने का लाइसेंस दिया है. यह सभी कंपनियां तय मानक अनुसार ओरिजिनल हेलमेट बनाती हैं. जिसे कोई भी ऑर्डर देकर अपने घर मगा सकता है और उसके साथ में 5 लाख का दुर्घटना बीमा निशुल्क मिलेगा वह भी 75 साल के लिए. इसको सड़क सुरक्षा का टीका भी कह सकते हैं जिसका प्रतिवर्ष प्रीमियम हेलमेट मैन खुद दे रहे हैं.
इस सुरक्षा टीके का एक और बेनिफिट है जिस परिवार में दुर्घटना होगी अनाथ बच्चों की ग्रेजुएशन तक शिक्षा निशुल्क रहेगी. ताकि आर्थिक समस्या के कारण किसी बच्चे की शिक्षा अधूरी ना रहे. यह सब कार्य हेलमेट मैन अपने पैसों से कर रहे हैं कोई भी सरकार या हेलमेट कंपनी बीमा कंपनी का योगदान नहीं है इसके लिए हेलमेट मैन के अपने जीवन का बहुत बड़ा त्याग है अपनी संपत्तियों को बेचकर इतना बड़ा अब तक कार्य कर रहे हैं.
आज के कार्यक्रम में उपस्थित शुभम सिंह गौरव सिंह मुकुंद सिंह अमित सिंह राणा साकिब करीमुद्दीन मोहम्मद जमील राघवेंद्र कुमार अभिषेक राहुल राघव झा इत्यादि.