पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों के साथ हेलमेट मैन बना रहे हैं सड़क सुरक्षा जागरूकता की पाठशाला
अगले साल 2021 में उत्तर प्रदेश और बिहार दोनों ही राज्यों में पंचायती चुनाव होने वाले हैं. वही उत्तर प्रदेश दुर्घटना में होने वाली मौत सभी राज्य से ज्यादा है दूसरी तरफ बिहार में पलायन और बाल मजदूरी सबसे ज्यादा है.जो अभी से जनता में छोटे-छोटे मुद्दों की हलचल होने लगी है वहीं दूसरी तरफ प्रत्याशियों की भी नए और पुराने लोग अंदरूनी पकड़ जनता के बीच बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार पिछले 7 साल से सड़क सुरक्षा की मजबूती के लिए भारत को 100% साक्षरता के साथ मिशन बनाकर सड़क दुर्घटना मुक्त भारत अभियान चला रहे हैं. जो लोगों तक हेलमेट पहुंचाने के लिए उनसे पुरानी पुस्तक मांगते हैं और बदले में हेलमेट देते हैं.
अब तक अपने मिशन द्वारा भारत के अलग-अलग राज्यों में 48 हजार हेलमेट बांटकर 6 लाख जरूरतमंद बच्चों तक निशुल्क पुस्तकें दे चुके हैं. कई शहरों में चौराहों पर बुक बैंक बॉक्स लगा चुके हैं जो उसमें पुस्तक इकट्ठा होती है उसे ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र के लाइब्रेरी तक पुस्तके आसानी से पहुंच जाती है. पढ़ने वाले जरूरतमंद लोगों के चेहरे पर मुस्कान भी बनी रहती है.
अपने अभियान की मजबूती के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश के दोनों ही राज्य के जिले में इस करोना आपदा के बीच मजबूती के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उनका कहना है जिस तरह करोना महामारी से बचने के लिए मास्क जरूरी है उसी तरह सड़क सुरक्षा की मजबूती के लिए हेलमेट जरूरी है क्योंकि सड़क दुर्घटना हमारे देश में महामारी की तरह बनी हुई है. इसी उद्देश्य से प्रतिदिन हेलमेट मैन अगले वर्ष होने वाले पंचायती चुनाव के प्रत्याशियों से मिलकर उन्हें हेलमेट के साथ 5 लाख की दुर्घटना बीमा भी दे रहे हैं. और उन्हें पंचायत के अंदर अहम मुद्दा शिक्षा और सड़क दुर्घटनाओं से अवगत करा रहे हैं.
हेलमेट मैन ने कहा आज भारत के 74 साल आजादी के बाद भी हमारा देश सो प्रतिशत साक्षर नहीं है क्योंकि समाज में पढ़े लिखे लोग अशिक्षित बच्चों के प्रति ध्यान नहीं दे पाते हैं जिसकी वजह से आज भी 23% बच्चे स्कूल में दाखिला नहीं ले पाते हैं और बाल मजदूरी करने पर मजबूर हो जाते हैं. और सबसे ज्यादा संख्या ग्रामीण क्षेत्र से पलायन करके जो लोग शहरों में मजदूरी करने जाते हैं उनके बच्चे हमेशा शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. इसलिए इस गंभीर समस्या के लिए सरकारी मशीनरी से अलग हटकर जनता को खुद जिम्मेदार होना पड़ेगा अगर पंचायत के सभी नागरिक और बच्चे साक्षर होंगे तभी हमारा भारत 100% साक्षर बनेगा. आज जिस तरह से अच्छी सड़कें पंचायती क्षेत्र में दिख रही है लेकिन यातायात नियमों के प्रति लोगों में लापरवाही बढ़ गई है जो आए दिन प्रतिदिन सड़क दुर्घटना बढ़ती जा रही है. जो छोटे स्तर पर प्रत्याशियों के बीच दुर्घटना वाले परिवार को चिन्हित करना उस परिवार को मदद पहुंचाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.
पंचायत में एक भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए इसलिए हर पंचायत में लाइब्रेरी का विकास होना जरूरी है. हेलमेट मैन ने कहा जो इस समस्या के लिए लड़कर जीतेगा अगर पंचायत के सभी नागरिक साक्षर हो गए यातायात नियमों के प्रति जागरूक हो गए उस क्षेत्र का विकास अपने आप बढ़ जाएगा और उन्हें जनता बार-बार सेवा करने का मौका देती रहेगी.
हेलमेट मैन यह कार्य इसलिए करते हैं क्योंकि उन्होंने अपना मित्र सड़क दुर्घटना में खो दिया था वह हेलमेट नहीं पहना था वह भी ग्रामीण क्षेत्र से निकलकर शहर में पढ़ाई करने गया था जहां माता-पिता लाखों रुपए खर्च कर दिए थे मगर एक हेलमेट नहीं दे पाए थे. ऐसी दुर्घटना किसी और के परिवार के साथ ना घटे दूसरे घरों का चिराग ना बुझे. इस कार्य को करने के लिए नौकरी छोड़नी पड़ी और आर्थिक तंगी की वजह से नोएडा का घर भी बेच डाला. लेकिन अपने जुनून को रोका नहीं आज भी बिना किसी से मदद लिए अकेले इस अभियान के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. इनके कार्य की सराहना भारत के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी कर चुके हैं सरकार और प्रशासन से सराहना मिलती है मगर मदद नहीं. आज भी हेलमेट मैन उतनी ही जोश में लोगों की जान बचाने के लिए प्रतिदिन सड़कों पर हेलमेट देते रहते हैं और घायलों की भी मदद करते रहते हैं.