• 9 से 22 मार्च तक चलेगा सघन टीबी रोगी खोजो अभियान
  • अभियान में मिलने वाले टीबी रोगियों का शुरू कराया जाएगा उपचार
  • जनपद की 2.36 लाख की आबादी के बीच खोजे जाएंगे संभावित मरीज

हमीरपुर:
आगामी 9 मार्च से जनपद में सघन टीबी रोगी खोजो अभियान (एसीएफ) की शुरुआत होगी। जनपद की 20 फीसदी आबादी केबीच स्वास्थ्य विभाग की टीमें टीबी रोग से ग्रसित मरीजों की खोजबीन करेंगी। जिनमें टीबी की पुष्टि होगी, उनका उपचार शुरू कराया जाएगा।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.महेशचंद्रा ने बताया कि अभियान 9 से लेकर 22 मार्च तक चलेगा। इस बार जनपद की कुल आबादी में से 2.36 लाख आबादी के बीच संभावित टीबी रोगी खोजे जाएंगे। इसके लिए 47236 घरों में 89 टीमें दस्तक देंगी। इन टीमों की निगरानी को 20 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि ब्लाक कुरारा में 30018, सुमेरपुर में 44605, मौदहा में 41150, मुस्करा में 30245, राठ में 37600 और सरीला में 24539 आबादी तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान के दौरान प्रत्येक ब्लाक के एमओआईसी टीमों की निगरानी करेंगे। 20 सुपरवाइजर भी इस काम में लगाए गए हैं। आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम को इस कार्य में लगाया गया है।

उधर, पिछले दिनों टीबी सभागार में सघन टीबी रोगी खोजो अभियान को लेकर एक वर्कशॉप का भी आयोजन किया गया था। इस वर्कशॉप में सीएमओ डॉ.एके रावत ने बताया कि केंद्र सरकार 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के अभियान में काम कर रही है। टीबी एक संक्रामक रोग है जो तेजी से फैलता है। सरकारी अस्पतालों में पहले कि अपेक्षा अब टीबी का अच्छा उपचार उपलब्ध है। मरीज को टीबी की पुष्टि होते ही नियमित तौर पर दवा का सेवन करते हुए डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए। इलाज में हीलाहवाली की वजह से टीबी रोग बिगड़ जाता है, जिससे मरीज की दिक्कत बढ़ जाती है। लगातार दवा का सेवन करने से टीबी को हराया जा सकता है। टीबी रोगियों को खानपान के लिए शासन द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए भी प्रदान किए जाते हैं, जो इलाज की अवधि के दौरान प्रत्येक माह खाते में भेजे जाते हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.महेशचंद्रा ने बताया कि लगातार दो सप्ताह तक खांसी आना, बुखार का बना रहा, वजन का काम होना, भूख न लगना टीबी के शुरुआती लक्षण होते हैं। ऐसी शिकायत होने पर तत्काल टीबी की जांच करानी चाहिए।