फ़र्ज़ी डिग्री मामले में केशव प्रसाद मौर्या को जांच पूरी होने तक पद से हटाए सरकार- शाहनवाज़ आलम
नई दिल्ली
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की फर्जी डिग्री से जुड़े मामले में पुनरीक्षण याचिका को खारिज करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिये जाने का स्वागत किया है.
शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा कि केशव प्रसाद मौर्य ने चुनाव आयोग में अपनी शैक्षिक योग्यता में हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा जारी प्रथम, द्वितीया आदि की डिग्री लगाई है। जोकि प्रदेश सरकार या किसी बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं है। इन्हीं डिग्रियों के आधार पर उन्होंने इंडियन ऑयल कारपोरेशन से पेट्रोल पंप भी प्राप्त किया है. इस अपराध में दोषी सिद्ध होने पर उन्हें तीन साल तक की सज़ा हो सकती। यानी केशव प्रसाद मौर्या का राजनीतिक करियर इस मुकदमे के फैसले पर टिका है। इसलिए आरोपी किसी भी हद तक जा सकता है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि चूंकि आरोपी रसूखदार व्यक्ति है और उप मुख्यमंत्री होने के कारण जाँच को प्रभावित कर सकता है इसलिए उसके पद पर बने रहते सही विवेचना नहीं हो सकती। इसलिए योगी सरकार को चाहिए कि जाँच पूरी होने तक केशव प्रसाद मौर्या को पद से हटा दें।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यह भी संज्ञान में रखा जाना चाहिए कि आरोपी केशव प्रसाद मौर्या पर 22 सितंबर 2008 को कौशांबी के मोहब्बतपुर पइंसा थाने में थाना प्रभारी चंद्रशेखर प्रसाद द्वारा दर्ज किए गए मुकदमें में दुर्गा पूजा का फ़र्जी पैड छपवाकर अवैध वसूली करने का आरोप लगाया गया था। जिसमें मौर्य पर 420, 467 और 468 धारा के तहत मुकदमा कायम हुआ था। इस मुकदमें में उन्हें न्यायिक प्रक्रिया में निर्दोष पाए जाने पर क्लीन चिट नहीं मिली है बल्कि 2020 में योगी जी ने जनहित बताकर मुकदमा वापस ले लिया था।