कपड़े को करमुक्त करे सरकार, कपास के निर्यात पर तत्काल लगे रोक: मोमिन अन्सार सभा
लखनऊ ब्यूरो
केन्द्र सरकार द्वारा कपड़े पर 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक GST बढ़ा दिए जाने पर मोमिन अन्सार सभा के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष मो. अकरम अन्सारी ने कहा कि देश मे बुनकर और दस्तकार आज अपने भविष्य के लिए चिंतित हैं क्योंकि आज भाजपा सरकार की नीतियां बुनकरों, दस्तकारों, किसानों, लघु उद्योगों को बर्बाद कर रही हैं. पूंजीवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों से बुनकर किसान मजदूर का आर्थिक शोषण चरम पर है ।
अकरम अंसारी ने कहा कि मोदी सरकार ने कपड़े पर GST लगाकर और कृषि पर नए कानून बनाकर सरकार ने ब्रिटिशकाल की यादें ताज़ा कर दी हैं जब ब्रिटिश सरकार के डलहौजी ने कपास खेती पर अपना अधिकार जमा लिया था और बुनकरों के कपड़ों पर लगान लगाकर देशी बुनकरों के कपडे को महँगा कर दिया था और सस्ता कपास अपने देश के ब्रिटिशर्स को निर्यात कर भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का हथकंडा अपनाया था, आज वही हथकण्डे हमारी देश कि जनता द्वारा चुनी गयी सरकार अपना रही है जो पूंजीवादियों की बंधक बनकर चन्द घरानों के लिए नीतियां बना रही है.
अकरम अंसारी ने कहा, कपड़े और कृषि उत्पादों पर भारतीय इतिहास में आज से पहले सिर्फ अंग्रेज़ सरकार ने टैक्स लगाया और आज भाजपा सरकार ने अंग्रेजों की ही नीतियों का अनुसरण करते हुए कपड़े पर टैक्स लगाने का काम किया है। इस बुनकर, किसान, दस्तकार, मज़दूर विरोधी सरकार ने पहले कपड़े पर 5 प्रतिशत GST लगाया और अब इसे बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने तैयारी कर रही है जिसका मोमिन अन्सार सभा विरोध करती है.
उन्होंने कहा कि मोमिन अंसार सभा की मांग है कि देश मे बने कपडे को आज़ाद भारत की तरह करमुक्त किया जाए, कपास के निर्यात पर तत्काल रोक लागकर कताई मिलों को चालू किया जाए। कपड़े के निर्यात को बढ़ावा दिया जाए,अंग्रेज़ो की तरह बनाये गए काले कानूनों पर रोक लगाकर भारत के बुनकरों, लघु उद्योगों, किसानों, मज़दूरों को उनका हक दिया जाए. देश का यही वर्ग पहले भारत को सोने की चिड़िया बना चुका है और आज भी भारत को सोने की चिड़िया बनाने में सक्षम है ।