पसमांदा मुसलमानों को ओबीसी वर्ग में सबकोटा दे सरकार – शाहनवाज़ आलम
गोंडा
गोण्डा अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा आयोजित सामाजिक न्याय और भागीदारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने मुस्लिम पिछड़ी जातियों के लिए अन्य राज्यों की तरह ओबीसी आरक्षण में सबकोटा तय करने की मांग की है. उन्होंने दलित मुसलमानों और दलित ईसाइयों के दलित कैटेगरी में 1950 तक मिले आरक्षण पर लगाई गयी रोक को हटाकर उन्हें फिर से बहाल करने की भी मांग की है.
खोरासा बाज़ार में आयोजित सम्मेलन में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जातिगत जनगणना हो जाने से यह डाटा भी सामने आ जाएगा कि मुस्लिम समाज की भागीदारी की स्थिति क्या है. मण्डल आयोग, करपुरी ठाकुर फॉर्मूला, सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्रा कमिटी जैसे सामाजिक न्याय और भागीदारी के लिए गठित सभी कमेटीयों और आयोगों ने पिछड़े मुसलमानों के लिए ओबीसी आरक्षण में सबकोटा बनाने की सिफारिश की थी. इसलिए इन सिफारिशें को लागू करके पिछड़े मुसलमानों को उनका अधिकार दिया जाए. उन्होंने कहा कि जब हिंदू धोबी को एससी वर्ग में रखा गया है तो मुस्लिम धोबी को ओबीसी वर्ग में रखना कहाँ से तार्किक है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम दलितों को दलित वर्ग से बाहर रखने के कारण सुरक्षित सीटों से मुस्लिम चुनाव ही नहीं पड़ पाते. जो हमारी संसदीय व्यवस्था को भेदभावपूर्ण बनाती है.
अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय संयोजक शमीम खान ने कहा कि जब तक मुस्लिम समाज एकतरफा कांग्रेस को वोट देता था तब तक भाजपा की सिर्फ़ दो लोकसभा सीटें होती थीं. वहीं 1980 से 1985 तक 49 मुस्लिम सांसद होते थे. इसीतरह कांग्रेस बिहार, असम, पोंडीचेरीपोंडीचेरी, महाराष्ट्र और राजस्थान में मुस्लिम मुख्यमन्त्री बनाती थी. इसलिए कांग्रेस ही मुस्लिमों को सत्ता में भागीदारी दे सकती है.
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मसूद खान ने कहा कि राहुल गाँधी एक मात्र नेता हैं जो राजनैतिक नुकसान सह कर भी पिछड़ों, दलितों, मुसलमानों और सवर्ण समाज के गऱीबों के अधिकारों की आवाज़ उठाने का साहस रखते हैं. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कांग्रेस जातिगत जनगणना और आरक्षण पर से 50 प्रतिशत की पाबन्दी हटाने के लिए अभियान जारी रखेगी.
सम्मेलन का संचालन कर रहे गोंडा अल्पसंख्यक कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष सगीर खान ने कहा कि मुसलमानों का 2027 में कांग्रेस को सत्ता में लाने का मन बन चुका है. उत्तर प्रदेश में सिर्फ़ कांग्रेस ही मुस्लिम उपमुख्यमंत्री दे सकती है. इसलिए सरकार में हिस्सेदारी दिलाने के लिए मुस्लिम समाज में अल्पसंख्यक कांग्रेस लगातार काम कर रही है.