बेरोजगार नौजवानों से सरकार कर रही क्रूर मजाक है: अजय कुमार लल्लू
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा कराई गई 2019 की शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला सामने आया है। 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर रिपोर्ट तैयार की थी। इस रिपोर्ट में 5,844 सीटों पर आरक्षण घोटाला सामने आया है। इस पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था, पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी न्याय के लिये आंदोलित है और सरकार उनके साथ अन्याय पर उतारू होकर उनके उत्पीड़न में लगी हुई है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार जी ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश नौजवानों को नौकरी देने के मामले में सबसे फिसड्डी प्रदेश साबित हुआ है ऊपर से जो नौकरियां आ भी रही हैं उनमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। ताजा मामला 69000 शिक्षक भर्ती का है जिसमें योगी सरकार ने पिछड़े वर्ग की लगभग 6000 सीटों पर अनियमितता की है। अभ्यर्थी की शिकायत पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी जांच में भी 5844 सीटों पर उत्तर प्रदेश में आरक्षण घोटाला पाया। लेकिन सरकार इस संबंध में अभ्यर्थियों की मांग सुनने से लगातार इनकार कर रही है। दलितों, पिछड़ों की पीड़ा वह सुनने के बजाय उनके हक को छीनने के अभियान में जुटी हुई है। जिससे मजबूर होकर बेरोजगार नौजवानों को अपने हक के लिए सड़क पर आना पड़ गया। राज्य की योगी सरकार बेरोजगारों के साथ धोखाधड़ी कर रही है। हक मांगने वालों को वह पुलिस से डराती धमकाती है। नौकरी देने के स्थान पर उन्हें लहुलुहान कर ईको गार्डन पहुंचाकर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास करती है। भाजपा का चाल चरित्र और दोहरा चेहरा सबके सामने है। विपक्ष में रहने पर यह पिछड़ों को रिझाने के लिये बात करते है परन्तु सत्ता में आकर उनके अधिकार हड़पते है। उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने हर भर्ती को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया। चयनितों के साथ अन्याय किया, न्याय मांगने के लिए सड़क पर आने पर पुलिस की लाठी मिलती है या अदालतों के चक्कर काटने पड़ रहे है। इसी तरह पुलिस सिपाही भर्ती 2015 के 34716 पदों पर हुई भर्ती में 3528, 2018 भर्ती के 2018 व 2018बी की भर्ती के चयनित अभ्यर्थी मेडिकल, ट्रेनिंग के साथ नियुक्ति के लिए दर-दर भटक व आन्दोलन कर रहें है व सरकार के हर दरवाजे पर दस्तक दे रहें है किन्तु सरकार उनकी सुनने को तैयार नहीं है। विवशता में यह बेरोजगार नौजवान बेरोजगारी का बड़ दंश झेलने के लिए विवश किये जा रहे है।