गोरखपुर: पुलिस की छापेमारी के दौरान पिटाई से व्यापारी की मौत, 6 पुलिसकर्मी निलंबित
इन्साफ के लिए धरने पर बैठी पत्नी, पुलिस ने बताया दुर्घटना
टीम इंस्टेंटखबर
उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर में मंगलवार की देर रात शहर के एक होटल में पुलिस की छापेमारी के दौरान एक व्यापारी की मौत के बाद छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि व्यवसायी के साथ मारपीट की गई जबकि पुलिस का कहना है कि व्यक्ति की मौत एक ‘दुर्घटना’ थी. पुलिस के मुताबिक, वह होटल के कमरे में गिर गया था.
गोरखपुर घूमने आए तीन युवक मनीष, प्रदीप और अरविंद यहां रामगढ़ ताल इलाके के कृष्णा पैलेस होटल में सोमवार सुबह आठ बजे आये थे. सोमवार रात करीब साढ़े 12 बजे कई पुलिस वाले उनके कमरे में पहुंचे और उनकी आईडी चेक करने के बाद उनके सामान की तलाशी लेने लगे.
युवकों का कहना है कि उन्होंने कहा कि इतनी रात में उनको सोते से जगा कर क्यों उनकी तलाशी ले रहे हैं? उन्होंने क्या किया है? इस पर पुलिस वालों ने एक युवक अरविंद को पीटा और पीटते हुए कमरे के बाहर खींच ले गए. अरविंद का कहना है कि वह जब बाहर खड़ा था तभी उन्होंने कमरे के अंदर से मनीष की पिटाई की भी आवाज सुनी और देखा कि पुलिस उसे बाहर ला रही है. मनीष के चेहरे पर काफी खून लगा था. पुलिस उसे अपनी गाड़ी में डाल कर अस्पताल ले गयी, जहां डॉक्टरों ने बताया कि वह मर चुका है. कमरे में मौजूद दूसरे युवक मनीष गुप्ता ने संभव है कि इसका विरोध किया होगा, जिससे पुलिस ने उसे पीटा.
मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी मनीष कुमार गुप्ता के रूप में हुई है। मंगलवार की आधी रात के बाद हुई छापेमारी के वक्त वह और उसके दो अन्य दोस्त जोकि बाहर से आए थे, होटल के कमरे में थे। पीड़िता के साथ मौजूद लोगों ने मीडिया को बताया कि वे कारोबारी सहयोगी थे और एक कॉमन फ्रेंड से मिलने गोरखपुर आए थे।
वहीँ गोरखपुर पुलिस का दावा है कि उन्हें होटल में ‘संदिग्ध’ लोगों के ठहरने की सूचना मिली थी। गोरखपुर के पुलिस प्रमुख विपिन टाडा ने एक बयान में कहा, “पुरुष अलग-अलग शहरों के थे। पुलिस टीम को यह संदिग्ध लगा, इसलिए वे होटल प्रबंधक के साथ कमरे में गए। एक व्यक्ति की दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से कमरे के अंदर दुर्घटना में मृत्यु हो गई। हमारी टीम ने उसे तुरंत एक अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया।”
दूसरी जानिब मृत प्रापर्टी डीलर की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने एक बयान में कहा, “अपनी मृत्यु से ठीक 10 मिनट पहले, वह मुझसे बात कर रहा था और फिर उसने यह कहते हुए कॉल काट दिया कि पुलिस यहां है। मेरा मानना है कि बाद में उसने एक अन्य रिश्तेदार को यह कहते हुए बुलाया कि पुलिस उसे परेशान कर रही है और धमका रही है और उसे अपने साथ थाने चलने के लिए कह रही है। मैं जवाब चाहती हूं कि वह कैसे मरा।”
वहीँ गोरखपुर निवासी राणा प्रताप चंद उर्फ चंदन सैनी का कहना है कि यह तीनों उनके दोस्त हैं और उनसे मिल के यहां घूमने आए थे. लेकिन पुलिस वाले बाहरी युवक समझ के उनसे वसूली करने उनके कमरे में घुस गए होंगे, जिसका विरोध करने पर यह घटना घटी.