लखनऊ:
कल से प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुरू होने वाली तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेसवार्ता में योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि लखनऊ में 10,11,12 फरवरी को आयोजित होने वाला ‘‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’’ दरअसल ‘‘ग्लोबल इवेंट समिट’’ है।

उन्होंने कहा कि जनता के पैसे से जनता को गुमराह करने के लिए है। सरकार का दावा कि इस समिट से 21 लाख करोड़ रू0 का निवेश आयेगा। अकेले यू0पी0 उद्योग विभाग ने लगभग 320 करोड़ रू0 इस समिट के लिए जारी किए हैं। इस समिट के लिए देश की इन्वेट मैनेजमेन्ट एजेन्सियां हॉयर की गयी हैं।
सरकार बताए कि वह कौन-कौन सी इवेंट एजेंसियां हैं? वह कहाँ की हैं? उनको कितना भुगतान किया जाना है? किस प्रक्रिया से हॉयर की गयी हैं?

कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि 2018 को भी लखनऊ में इसी प्रकार का समिट आयोजित हुआ था, जिसमें लगभग 4 लाख 28 हजार करोड़ रू0 के 1045 कम्पनियों के साथ निवेश का MoU साइन हुआ था। दो ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में मात्र 371 MOU वाली कम्पनियां भूमि पूजन के लिए आईं, जिनमें से मात्र 106 कम्पनियों का ही वाणिज्यिक संचालन हो पाया है। जो कुल घोषित निवेश का लगभग 9 प्रतिशत है।

2018 में हुए समिट में 9196 लोगों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें से 6506 लोगों ने अपना पंजीकरण कराया था, 153 विदेशी औद्योगिक घरानों ने भी अपना पंजीकरण कराया था। अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि फरवरी 2023 के ग्लोबल समिट के लिए 10 महीने से पूरी यू0पी0 की सरकार देश-दुनिया का भ्रमण/तैयारी कर रही है। 17 देशों में मंत्रियों/अधिकारियों ने भ्रमण/रोड-शो किए।