बॉक्सिंग डे टेस्ट में गिल, सिराज करेंगे पदार्पण
मेलबोर्न: भारत ने एडिलेड टेस्ट में मिली करारी हार के झटके से उबरने की कवायद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शनिवार से होने वाले दूसरे बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए अपनी एकादश में भारी परिवर्तन किया है। सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल और तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज अपना पदार्पण करेंगे जबकि ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की टीम में वापसी हुई है।
भारत को एडिलेड में पहले दिन रात्रि टेस्ट में आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा था और उसकी दूसरी पारी अपने इतिहास के न्यूनतम 36 रन के स्कोर पर निपट गई थी। इस शर्मिंदगी के चलते टीम इंडिया को अपनी एकादश में चार फेरबदल करने पड़े है। सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को अपने ख़राब प्रदर्शन का खामियाजा उठाना पड़ा है और उन्हें एकादश से बाहर कर उनकी जगह युवा ओपनर गिल को शामिल किया है।
तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के चोटिल होकर सीरीज से बाहर हो जाने से उनकी जगह सिराज को पदार्पण करने का मौका दिया जा रहा है। इस तरह यह दोनों खिलाड़ी भारत के लिए टेस्ट में पदार्पण करने वाले 297वें और 298वें खिलाड़ी बनेंगे।
टीम इंडिया ने एक साहसिक कदम उठाते हुए विराट कोहली की जगह ऑलराउंडर जडेजा को दी है। नियमित कप्तान विराट जनवरी में अपने पहले बच्चे के जन्म के कारण स्वदेश लौट चुके है। सीरीज के शेष तीन टेस्टों में अब अजिंक्या रहाणे टीम इंडिया की कप्तानी संभालेंगे। जडेजा अपनी चोट से उबर गए हैं और वह गेंदबाजी और बल्लेबाजी में टीम इंडिया को मजबूती देंगे।
पृथ्वी शॉ की तरह अनुभवी विकेटकीपर रिद्धिमान साहा को भी एडिलेड टेस्ट में निराशाजनक प्रदर्शन का नुकसान उठाना पड़ा हैं। साहा को बाहर कर उनकी जगह पंत को मौका दिया गया है। पंत ने पहले टेस्ट से पूर्व दूसरे दिन रात्रि अभ्यास में तूफानी शतक बनाया था। पंत का इस साल के शुरू में न्यूजीलैंड दौरे के बाद यह पहला अंतराष्ट्रीय मैच होगा।
भारत ने जहां अपनी अंतिम एकादश में चार परिवर्तन किये है वहीं ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लेंगर ने कहा है कि वह बॉक्सिंग डे टेस्ट में अपनी अपरिवर्तित एकादश उतारेंगे। भारत का पहले एडिलेड टेस्ट में शुरूआती दो दिन में दबदबा बनाने के बाद तीसरे दिन खेल पूरी तरह बिखर गया था। भारत ने अपनी पहली पारी में 244 रन बनाये थे और ऑस्ट्रेलिया को 191 रन पर समेट दिया था। हालांकि ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में भारतीय फील्डरों ने कुछ कैच टपकाये थे वरना उसे पहली पारी में 100 रन से ज्यादा की बढ़त मिल जाती जो निर्णायक साबित होती। लेकिन भारत को 53 रन की ही बढ़त मिली। तीसरे दिन पहले सत्र में भारतीय बल्लेबाजों का खौफनाक प्रदर्शन रहा और टीम अपने इतिहास के न्यूनतम स्कोर 36 रन पर सिमट गई।
भारत के 88 वर्षों के टेस्ट इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब कोई बल्लेबाज दहाई की संख्या में नहीं पहुंच सका। ऑस्ट्रेलिया ने दो विकेट पर 93 रन बनाकर आठ विकेट से आसान जीत हासिल की। भारत को इस हार में एक बड़ा नुकसान यह भी हुआ कि उसके प्रमुख तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी पैट कमिंस की बाउंसर से अपनी बाजू पर फ्रैक्चर करा बैठे और शेष सीरीज से बाहर हो गए।
इस प्रदर्शन ने ही टीम प्रबंधन को इतने परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया। नियमित कप्तान विराट पितृत्व अवकाश के कारण पिछले मंगलवार को एडिलेड से स्वदेश लौट गए। विराट की जगह अब रहाणे टेस्ट टीम की टीम की कमान संभालेंगे जिन्होंने अपनी कप्तानी में इससे पहले दो टेस्ट मैचों में भारत को ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के खिलाफ जीत दिलाई थी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह 100वां टेस्ट होगा और रहाणे को इस 100वें टेस्ट में कप्तानी करने का श्रेय जाएगा। रहाणे इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच में टीम इंडिया की वापसी के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे।
भारत को सीरीज में बने रहने के लिए हर हाल यह टेस्ट मैच जीतना होगा। भारत ने 2018-19 के पिछले दौरे में बॉक्सिंग डे टेस्ट का मुकाबला 137 रन से जीता था। भारत को इस बार के बॉक्सिंग डे टेस्ट में पिछली जीत से प्रेरणा लेनी होगी। भारत ने इस उम्मीद के साथ यह चार परिवर्तन किये हैं कि टीम इस मुकाबले में वापसी कर सके।
कप्तान रहाणे ने मैच की पूर्वसंध्या पर कहा कि टीम पिछली हार को भुला चुकी है और एक इकाई के रूप में वापसी करने के लिए तैयार है। विराट की गैर-मौजूदगी में रहाणे के मजबूत कन्धों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी आ गई है कि वह विदेशी जमीन पर अपने प्रदर्शन से टीम को वापसी के लिए प्रेरित करे।
भारत ने आखिरी बार एक ही टेस्ट में दो या उससे अधिक खिलाड़ियों पदार्पण करने का मौका 2011 में दिया था जब विराट, प्रवीण कुमार और अभिनव मुकुंद ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ पदार्पण किया था। सीरीज के मध्य में टीम इंडिया के एकादश में चार परिवर्तन करने का मौका इससे पहले महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया दौरे में आया था जब धोनी ने सीरीज के बीच में कप्तानी छोड़ दी थी और टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
ओपनिंग में पदार्पण करने जा रहे गिल ने दिन रात्रि अभ्यास मैच की दोनों परियों में अच्छी बल्लेबाजी की थी और विकेट पर टिकने की क्षमता दिखाई थी हालांकि पहले टेस्ट में प्राथमिकता पृथ्वी को मिली लेकिन वह दोनों पारियों में शून्य और चार रन बनाकर यह मौका गंवा बैठे। दूसरे ओपनर मयंक अग्रवाल ने 17 और नौ रन बनाये। मयंक ने टेस्ट क्रिकेट में एक हजार रन भी पूरे किये लेकिन दूसरी पारी के शर्मनाक प्रदर्शन से उनकी यह उपलब्धि छुप गई। मयंक के स्थान को तो कोई खतरा नहीं था लेकिन पृथ्वी को बाहर जाना पड़ा और अब उनकी जगह 21 साल के गिल को अपना टेस्ट पदार्पण करने का मौका मिलेगा। युवराज सिंह और हरभजन सिंह के बाद पंजाब का कोई खिलाड़ी अब टेस्ट टीम में खेलेगा।
उम्मीद की जा रही थी कि लोकेश राहुल को विराट की जगह मौका मिलेगा लेकिन टीम प्रबंधन ने ऑलराउंडर जडेजा पर अपना दाव खेला है। जडेजा को कैनबरा में पहले टी-20 मुकाबले में हैमस्ट्रिंग चोट लगी थी और कुछ गेंद बाद ही मिशेल स्टार्क की बाउंसर उनके हेलमेट से टकराई थी जिससे वह कन्कशन के शिकार हो गए थे। तीन सप्ताह के रिहैबिलिटेशन के बाद जडेजा पूरी तरह फिट हो चुके हैं और पिछले दो दिनों में उन्होंने कड़ा नेट अभ्यास किया है।
जडेजा को खेलाने से भारत दो विशेषज्ञ स्पिनरों और पांच गेंदबाजों के साथ खेलेगा। एशिया और वेस्ट इंडीज से बाहर ऑफ़ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और लेफ्ट आर्म स्पिनर जडेजा एक साथ 2014 में ऑल ट्रेफर्ड में खेले थे। साहा का दुर्भाग्य रहा कि वह पहले टेस्ट में विकेट के पीछे दस्तानों से और विकेट के सामने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। उसी समय यह मांग उठने लगी थी कि पंत को टेस्ट टीम में मौका दिया जाए जिन्होंने अभ्यास मैच में नाबद 103 रन बनाये थे और आखिरी ओवर की पांच गेंदों पर लगातार बॉउंड्री लगाते हुए शतक पूरा किया था।