राजस्थान का रण: गहलोत ने विधायकों को लिखा पत्र, कहा-लोकतंत्र बचाने के लिए लोगों की आवाज सुनो
जयपुर: विधानसभा सत्र की तारीख नजदीक आते आते राजस्थान में राजनीतिक गतिविधियां तेज होने लग गई है. राज्य में लगातार बढ़ते राजनीतिक घटनाक्रम में अब सीएम अशोक गहलोत ने राज्य के सभी विधायकों को पत्र लिखा है. इस पत्र में सीएम गहलोत सभी विधायकों से संकट की इस घड़ी में एकजुट रहने की अपील कर रहे हैं.
पत्र में क्या लिखा है
अशोक गहलोत ने इस पत्र में लिखा है, ‘विधायको को सच्चाई के साथ खड़ा होना चाहिए. उनकी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं.’सीएम ने विधायकों से कहा कि राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त की परंपरा अच्छी नहीं है. वह अपने पत्र के माध्यम से विधायकों के यह बता रहे हैं कि उनकी सरकार ने राज्य में कितने अच्छे काम किए हैं, राज्य में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है.’
सरकार के कामों का बखान
पत्र की शुरुआत में सीएम ने राज्य में 2018 में चुनी हुई सरकार द्वारा किए गए कार्यों का वर्णन किया है. इसके बाद उन्होंने कोरोना संकट के दौरान किस प्रकार से सरकार ने काम किया और कैसे इसे कम करने के लिए आगे और कार्य करने थे उसकी बात की है. इसी दौरान उन्होंने लिखा ‘ऐसी परिस्थिति में भी हमारे कुछ साथी और विपक्ष के कतिपय नेता ने मिलकर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई हमारी सरकार को अस्थिर करने के षड़यंत्र में लगे हुए हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है.’
विधायकों से अपील
सीएम ने इस पत्र के जरिए विधायकों से अपील की है कि राज्य को खरीद-फऱोख्त की राजनीति से बचाएं. इससे राज्य में गलत परंपरा शुरू हो जाएगी. इसके लिए उन्होंने पत्र में 1993-96 के दौरान भैरों सिंह शेखावत की सरकार गिराने के प्रयासों पर का भी जिक्र किया. गहलोत ने बताया कि मैंने उस वक्त पीएम और राज्यपाल से मिलकर इस तरह की कार्रवाई का विरोध किया था.