चित्रकूट जेल में गंगवार, तीन बड़े अपराधियों का अंत
चित्रकूट : चित्रकूट जेल में अपराधियों के बीच संघर्ष तीन बड़े अपराधी मारे गए. अंशु दीक्षित नाम के गैंगस्टर ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े गैंगस्टर मुकीम काला और मेराजुद्दीन की जेल में हत्या कर दी। वहीँ इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले अंशु दीक्षित को जेल पुलिस ने मार गिराया गया। एक तरह से चित्रकूट जेल के अंदर 3 बड़े अपराधयों का अंत हो गया
गुटों में संघर्ष
बताया जा है कि यह फायरिंग दो गुटों के बीच हुई। इस फायरिंग में जेल के अंदर दो कैदियों की हत्या कर दी गई। वहीं पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक कैदी की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक इनमें से एक कैदी मुख्तार अंसारी का करीबी था।
बंदियों को बनाया था बंधक
चित्रकूट जेल से मिली जानकारी के मुताबिक, अंशु दीक्षित पुत्र जगदीश जो जिला जेल सुल्तानपुर से प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित होकर चित्रकूट में बंद है, ने शुक्रवार सुबह सहारनपुर से प्रशासनिक आधार पर आए बंदी मुकीम काला और बनारस जिला जेल से प्रशासनिक आधार पर आए मेराज अली को असलहे से मार दिया और पांच अन्य बंदियों को अपने कब्जे में कर लिया.
बंदियों को मारने की दे रहा था धमकी
ऐसे में जिला प्रशासन को सूचना दी गई. जेल प्रशासन के मुताबिक, चित्रकूट के डीएम और एसपी की ओर से मौके पर पहुंचकर बंदी को नियंत्रित करने का बहुत प्रयास किया गया, लेकिन वह पांच अन्य बंदियों को भी मार देने की धमकी देता रहा. प्रशासन का कहना है कि ”उसकी आक्रामकता और जिद को देखते हुए पुलिस की ओर से कोई विकल्प ना देखते हुए की गई फायरिंग में अंशु दीक्षित मारा गया.”
कुख्यात अपराधी था अंशु दीक्षित
अंशु दीक्षित पश्चिमी यूपी का कुख्यात अपराधी था. सीतापुर जिले के मानकपुर कुड़रा बनी का मूल निवासी अंशु लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र के रूप दाखिला लेने के बाद अपराधियों के संपर्क में आया था. साल 2008 में वह गोपालगंज (बिहार) के भोरे में अवैध असलहों के साथ पकड़ा गया था.
जेल में कहाँ से आया असलहा?
जेल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. मगर जेल की सुरक्षा में इतनी बड़ी सेंध कैसे लगी, बदमाश अंशु दीक्षित के पास पिस्टल कहां से आई? इस पर अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.