विश्व यूनानी दिवस पर निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन
मशहूर हकीम अजमल खां के जन्मदिन को विश्व यूनानी दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है। इस अवसर पर आज अपर मुख्य सचिव, आयुष विभाग उत्तर प्रदेश शासन श्री प्रशान्त त्रिवेदी की प्रेरणा से 50 शैय्या युक्त एकीकृत आयुष चिकित्सालय कल्ली पश्चिम, रायबरेली रोड, लखनऊ में विश्व यूनानी दिवस को बखूबी तहेदिल से निःशुल्क यूनानी चिकित्सा शिविर का आयोजन कर मनाया गया। शिविर का शुभारम्भ राजकीय तकमिल-उत-तिब कालेज एवं चिकित्सालय, लखनऊ के प्राचार्य प्रो0 जमाल अख्तर द्वारा कुछ रोगियों को औषधियां देकर किया गया।
इस अवसर पर राजकीय तकमिल-उत-तिब कालेज के यूनानी विशेषज्ञ डा0 शागुफ्ता परवीन, डा0 नाईला अंसारी, डा0 शाहिद, डा0 शाहाब एवं आयुष चिकित्सालय की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा0 चारू गाबा सहित चिकित्सालय के समस्त चिकित्सक एवं स्टाफ उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की संयोजक डा0 चारू गाबा ने बताया कि इस शिविर में मौसमी बुखार, नजला, जोड़ों के दर्द, गठिया, डायबिटीज, उदर रोग, त्वचा रोग, लिकोरिया आदि स्त्री रोग से पीड़ित सैकड़ों रोगियों को उपचारित किया गया। साथ ही उनको घर के आस-पास पाये जाने वाले औषधि पौधों के गुणों के बारे में भी जानकारी दी गयी तथा किचिन के मसालों से हम अपने परिवार की छोटी-मोटी तकलीफों को फौरी तौर पर कैसे ठीक कर सकते हैं, को भी बताया गया।
डा0 शागुफ्ता परवीन ने बताया कि यूनानी चिकित्सा में रोगी की मिजाज को पहचानने के तरीके इस्तेमाल करके हम मर्ज की जड़ तक पहुंचते हैं, जिससे रोगी को स्थायी लाभ मिलता है। डा0 चारू गाबा ने बताया कि बदलते मौसम में नजला एवं फ्लू की शिकायत आम तौर पर लोगों को हो रही है। इसके लिए खत्मी के बीज, सपिस्ता के सूखे फल, खुब्बाजी के बीच, उन्नाव के सूखे फल, मुलेठी की जड़, गुले बनफ्सा एवं गावजबा की सूखी पत्तियों के मिश्रण से बना जोशांदा को 10 से 15 ग्राम तक दो कप पानी में उबालें, जब आधा कप बचे तो छानकर गुनगुना सुबह खाली पेट एवं रात में सोने से पहले लेना मुफीद रहता है। जोशांदा के नियमित 1 से 2 सप्ताह तक लेने से सीने की जकड़न, गले की खरास, खांसी, बलगम का बनना, साइनोसाइटिस एवं फैरेन्जाइटिस आदि में हरदम के लिए आराम मिलेगा तथा बार-बार होने वाले नजला-जुकाम से निजात दिलायेगा।