कोरोना की त्रासदी को भूलकर नई दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत: मुख्यमंत्री योगी
लखनऊ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की संवेदनशील सरकार सबका संबल बन रही है। ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान सरकार की इसी संवेदनशीलता के प्रयास हैं। मुख्यमंत्री गोरखपुर में योगीराज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र में ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के 82 लाभार्थियों को लैपटॉप, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत मेधावी छात्राओं को प्रोत्साहन पुरस्कार राशि का चेक और 20 महिला मंगल दलों को स्पोर्ट्स किट वितरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों या इनमें से किसी एक को खोया था या कोरोना काल में जो बच्चे किसी अन्य कारणों से निराश्रित हुए थे, उन सभी के लिए प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ शुरू की।
योजना के माध्यम से ऐसे बच्चों को प्रतिमाह 4,000 रुपये छात्रवृत्ति स्वरूप दिए जा रहे हैं। इस योजना में 9वीं या इससे ऊपर की कक्षाओं में पढ़ रहे विद्यार्थियों को लैपटॉप देने की व्यवस्था की गई है। जिन बच्चों के माता-पिता दोनों या किसी एक की मृत्यु कोरोना काल में किसी अन्य कारणों से हुई है ऐसे बच्चों को ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य)’ के अंतर्गत प्रतिमाह 2500 रुपये दिए जा रहे हैं।
कोरोना ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई थी। कोई ऐसा देश नहीं जहां बड़ी संख्या में मौतें न हुई हों। इस संकट की परिस्थिति में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत ने प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कोरोना प्रबंधन का बेहतरीन मॉडल पेश किया। टेस्ट, उपचार, वैक्सीन और राशन की निःशुल्क व्यवस्था की गई। आज भी देश में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन का लाभ मिल रहा है। 200 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज मुफ्त दी गईं। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रबंधन के दौरान अनेक नवाचार भी हुए। पहले लॉकडाउन फिर जहां बीमार-वहीं उपचार के साथ ही भरण-पोषण भत्ता देने की व्यवस्था बनाई गई। कोरोना से जो बच्चे निराश्रित हुए, उनकी परवरिश का बड़ा प्रश्न था। इसके लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की गई। बच्चों के भरण पोषण व पढ़ाई के लिए धनराशि खातों में पहुंच रही है।