वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक गुरुवार को संसद भवन एनेक्सी में हुई। पहली ही बैठक में विभिन्न विपक्षी दलों के कई सांसदों ने कहा कि विधेयक का मौजूदा प्रारूप स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के कानूनों का उल्लंघन करेगा। वक्फ न्यायाधिकरण में डीएम और अल्पसंख्यक समुदाय से बाहर के सदस्यों को शामिल किए जाने पर बड़ी आपत्ति जताई गई। पहली बैठक में जेपीसी सदस्यों को केंद्रीय अल्पसंख्यक और कानून मंत्रालयों द्वारा प्रस्तावित संशोधनों की जानकारी दी गई।

यह विधेयक 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था, जहां से इसे जेपीसी को भेजने का फैसला किया गया था। विपक्षी सांसदों ने 31वीं संसदीय जेपीसी में विधेयक को लेकर कई सवाल उठाए। इन सांसदों ने कहा कि इससे कानून में दी गई धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन होगा। जेपीसी की यह पहली बैठक भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में हुई। विधेयक पर चर्चा के बाद समिति संसद के शीतकालीन सत्र में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी की पहली बैठक में विधेयक से जुड़ी कानूनी बारीकियों को भी सांसदों के समक्ष रखा गया। विधि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत की।

गौरतलब है कि समिति में शामिल मुस्लिम सांसदों का सबसे बड़ा विरोध वक्फ न्यायाधिकरण में डीएम और गैर अल्पसंख्यक सदस्यों को शामिल करने को लेकर था। बैठक की अध्यक्षता कर रहे जगदंबिका पाल के अनुसार विधेयक पर विस्तार से चर्चा की जा रही है। सभी हितधारकों की बात सुनी जाएगी और 44 संशोधनों पर चर्चा होनी है। सत्तारूढ़ दल के सांसदों ने उम्मीद जताई कि अगले सत्र तक संसद के समक्ष एक व्यापक विधेयक रखा जा सकता है। विधेयक को लेकर सरकार की राय है कि यह मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करता है। हालांकि विपक्ष ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करने वाला कदम बताया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 पर विस्तार से चर्चा के लिए गठित जेपीसी में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सांसद शामिल हैं। सदस्यों में राज्यसभा से बृजलाल, मेधा विश्राम कुलकर्णी, गुलाम अली, डॉ. राधामोहन अग्रवाल, डॉ. सैयद नसीर हुसैन, मोहम्मद नदीमुल हक, पी विजयसाई रेड्डी, मोहम्मद अब्दुल्ला, संजय सिंह और धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े शामिल हैं।

इस समिति में कुल 21 सदस्य हैं जिनमें जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जयसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय, डीके अरुणा, गौरव गोगोई, इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, मौलाना मोहिबुल्लाह, कल्याण बनर्जी, ए राजा, लावु श्रीकृष्ण देवरायलू, दिलेश्वर कामत, अरविंद सावंत, एम सुरेश गोपीनाथ, नरेश गणपत म्हस्के, अरुण भारती और असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं।