फारूक अब्दुल्ला बने गुपकार घोषणापत्र गठबंधन के अध्यक्ष, कहा–हम भाजपा विरोधी हैं, राष्ट्र विरोधी नहीं
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में मुख्य धारा के सात दलों ने अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए हाल में गठित अपने गठबंधन का नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को अध्यक्ष एवं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को उपाध्यक्ष चुनकर उसे औपचारिक स्वरूप प्रदान किया और कहा कि यह कोई ‘राष्ट्र विरोधी’ गठबंधन नहीं है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के नेता युसूफ तारिगामी को गुपकार घोषणापत्र गठबंधन (PAGD) का संयोजक चुना गया जबकि दक्षिण कश्मीर से लोकसभा सदस्य हसनैन मसूदी उसके समन्वयक होंगे। पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन उसके प्रवक्ता होंगे।
पीएजीडी राष्ट्र-विरोधी नहीं भाजपा विरोधी है
महबूबा मुफ्ती के निवास पर एक बैठक के बाद अब्दुल्ला (84) ने कहा कि यह गठबंधन जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए संघर्ष कर रहा है और यह कोई राष्ट्र-विरोधी गठबंधन नहीं बल्कि ‘भाजपा विरोधी’ मंच है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “मैं आपको बताना चाहता हं कि भाजपा की ओर से यह मिथ्या प्रचार किया जा रहा है कि पीएजीडी राष्ट्र-विरोधी है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह सच नहीं है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह भाजपा-विरोधी है लेकिन यह राष्ट्र-विरोधी नहीं है।”
भाजपा ने संघीय ढांचा तोड़ने की कोशिश की है
अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि भाजपा ने अनुच्छेद 370 के अधिकत प्रावधान हटा कर और जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटकर संघीय ढांचे को तोड़ने का प्रयत्न किया है। उन्होंने कहा, “उन्होंने भारत के संविधान को नष्ट करने का प्रयास किया, उन्होंने देश को विभाजित करने और संघीय ढांचे को तोड़ने की कोशिश की जिसे हमने पिछले साल पांच अगस्त को देखा कि उन्होंने क्या किया।”
भाजपा कर रही है दुष्प्रचार
उन्होंने कहा कि भाजपा जम्मू और देश भर में पीएजीडी के घटकों के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा, “वे धर्म के नाम पर हमें (जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों को) बांटने का प्रयास कर रहे हैं। यह प्रयास सफल नहीं होगा। यह धार्मिक लड़ाई नहीं है बल्कि यह हमारी पहचान की लड़ाई है और उस पहचान के लिए हम एक साथ खड़े हैं।”
गठबंधन श्वेत पत्र लाएगा
इस गठबंधन के बनने के बाद पहली बार उसकी बैठक हुई । बैठक के बाद लोन ने संवाददाताओं से कहा कि यह गठबंधन अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए के बाद, पिछले एक साल में जम्मू कश्मीर में चल रहे शासन पर एक महीने में श्वेत पत्र लाएगा।