हिंसा करने वाले किसान नहीं किसान के दुश्मन: संयुक्त किसान मोर्चा
नई दिल्ली: ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों द्वारा की गई हिंसा पर किसान संगठनों ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी करते हुए कहा, “हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, कुछ संगठनों और व्यक्तियों ने मार्ग का उल्लंघन किया और निंदनीय कृत्यों में लिप्त रहे। असामाजिक तत्वों ने अन्यथा शांतिपूर्ण आंदोलन में घुसपैठ की थी। हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है और किसी भी उल्लंघन से आंदोलन को नुकसान होगा।”
किसान संगठन ने कहा, “आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए हम किसानों को धन्यवाद देते हैं। हम उन अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की भी निंदा और खेद करते हैं जो आज घटित हुई हैं और ऐसे कृत्यों में लिप्त होने वाले लोगों से खुद को अलग कर लेते हैं।”
ज्ञात हो कि, कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने आज ट्रैक्टर रैली बुलाई थी। लेकिन किसानों ने अपना वादा तोड़ते हुए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी बैरिकेड को तोड़ते हुए दिल्ली के अंदर प्रवेश कर लिया। सभी प्रदर्शनकारी लालकिले पहुंचे और तिरंगे की जगह एक धर्म विशेष का झंडा फहरा दिया। इस दौरान पुलिस वालों और उपद्रवियों के बीच जोरदार भिडंत हुई।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने किसान गणतंत्र दिवस परेड को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है और सभी प्रतिभागियों से अपील की है कि वे तुरंत अपने संबंधित विरोध स्थलों पर लौट आएं। एसकेएम ने घोषणा की कि, “आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा और आगे के कदमों पर चर्चा की जाएगी और जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।”
ऑल इंडिया किसान सभा महासचिव हन्नान मुल्ला ने कहा, “आज दिल्ली में जिन्होंने तोड़फोड़ की, वे किसान नहीं किसान के दुश्मन हैं, ये साजिश का अंग है। आज की गुंडागर्दी से, साजिश से हमने सबक लिया है। भविष्य में आंदोलन में ऐसे लोगों को घुसने का मौका न मिले, हम शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाएंगे।”