परिवार नियोजन : 28 फीसदी प्रसूताओं की पसंद पीपीआईयूसीडी
हमीरपुर
‘छोटा परिवार-सुखी परिवार’ का नारा परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों की वजह से सफल होता दिखाई दे रहा है। अस्थाई साधनों में महिलाओं के बीच अंतरा इंजेक्शन के बाद जो साधन सबसे ज्यादा लोकप्रिया हुआ है वो है पोस्टपार्टम इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी)। यह अस्थाई साधन आज 28 फीसदी प्रसूताओं की पहली पसंद बन चुका है। शुरुआत में तीन सेंटरों में इसकी शुरुआत हुई थी और आज 30 सेंटरों में प्रसूताओं को यह सेवा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान भी इसके लाभार्थियों की संख्या में कमी नहीं आई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एके रावत ने बताया कि लाभार्थियों को परिवार कल्याण के बारे में जागरूक करने में आशा कार्यकर्ता और एएनएम की प्रमुख भूमिका रहती है। लगातार कोरोना संक्रमण के बावजूद जिले की महिलाओं ने संस्थागत प्रसव के तुरंत बाद पीपीआईयूसीडी विधि को अपनाने में दिलचस्पी दिखाई। साल दर साल इसका आंकड़ा भी बढ़ रहा है, जो कि अच्छा संकेत है। लोग परिवार नियोजन के कार्यक्रमों के प्रति जागरूक हो रहे हैं। वर्ष 2021-22 में 18916 संस्थागत प्रसव के बाद 28 फीसदी यानी 5292 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी के विकल्प को चुना है।

महिला अस्पताल की परिवार नियोजन की काउंसलर निकिता ने बताया कि प्रतिदिन 10 से 15 महिलाएं पीपीआईयूसीडी के बारे में जानकारी लेने आती हैं। प्रसव के बाद भी महिलाओं को वार्ड में जाकर इस अस्थाई साधन के बारे में बताया जाता है।

गर्भाशय के भीतर लगने वाला सुरक्षित उपकरण
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी/आरसीएच के नोडल डॉ.पीके सिंह ने बताया कि प्रसव के 48 घंटे के अंदर महिला आईयूसीडी लगवा सकती है। आईयूसीडी पांच से दस साल तक के लिए लगवाई जा सकती है। बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने की यह लंबी अवधि की विधि बहुत ही सुरक्षित और आसान भी है।

लाभार्थी संतुष्ट, बोले अच्छा विकल्प
तीन साल पूर्व पहले बच्चे को जन्म देने के बाद हमीरपुर की प्रेमवती ने आईयूसीडी का विकल्प चुना था। इन तीन सालों में उन्हें इस साधन को लगवाने के बाद किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं आई, आज वह संतुष्ट हैं। इसी वर्ष मई माह में नौरंगा की प्रीती ने भी पीपीआईयूसीडी विकल्प का चुनाव किया। सीएचसी में पहले बच्चे के जन्म के बाद प्रीती को वहीं से जानकारी मिली और वह इसके लिए राजी हो गई।

साल दर साल बढ़ रहा है आंकड़ा
वर्ष 2018-19 में 19448 प्रसव के सापेक्ष 1835 महिलाओं ने पीपी आईयूसीडी का चुनाव किया। वर्ष 2019-20 में 19526 के सापेक्ष 2193, 2020-21 में 20448 प्रसव के सापेक्ष 2671 और वर्ष 2021-22 में 18916 प्रसव के सापेक्ष 5292 महिलाओं ने पीपी आईयूसीडी के विकल्प को चुना।