भारत में वैक्सीन की कमी को दूर करेंगे बाहर के टीके
नई दिल्लीः कोवैक्सीन और कोविशील्ड के बाद देश में रूसी टीके स्पुतनिक वी को हरी झंडी मिलने वाली है। उम्मीद है कि 10 दिन के भीतर इसके इमरजेंसी इस्तेमाल को सरकार मंजूरी मिल जाए। इससे काफी हद तक देश में वैक्सीन की कमी की शिकायत दूर हो सकती है। टीके के 850 मिलियन खुराक के प्रोडक्शन के लिए स्पुतनिक वी ने देश की कई कंपनियों के साथ समझौता भी किया है।
जून तक अस्पतालों में होंगे उपलब्ध
स्पुतनिक का टीका जून तक अस्पतालों में उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसके अलावा इस वर्ष अक्तूबर के अंत तक भारत को पांच और टीके मिल सकते हैं। देश में फिलहाल कोरोना वायरस के लिए दो वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवैक्सीन को लेकर मंजूरी मिली है। इन दोनों टीकों का निर्माण भी भारत में ही हो रहा है।
पांच और टीके कतार में
सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस साल तीसरी तिमाही तक कोरोना वायरस के पांच और टीके भारत में हो सकते हैं. ये पांच टीके हैं स्पूतनिक वी (डॉ रेड्डी के सहयोग से) जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन (बायोलॉजिकल ई के साथ), नोवावैक्स वैक्सीन (सीरम इंडिया के साथ मिलकर), जाइजस कैडिला का टीका और भारत बायोटेक का इंट्रानैजल वैक्सीन शामिल हैं।
20 टीके पाइप लाइन में
कुल 20 टीके पाइप लाइन में सूत्रों ने बताया कि देश में लगभग 20 टीके ऐसे हैं जो कि क्लीनिकल और प्री-क्लीनिकल ट्रायल में हैं। वहीं, जॉनसन और जॉनसन और कैडिला जाइडस अगस्त तक उपलब्ध हो सकते हैं, जबकि नोवैक्स सितंबर और इंट्रानैजल वैक्सीन अक्तूबर तक उपलब्ध हो सकता है, सूत्रों ने कहा कि सरकार वैक्सीन की उपलब्धता पर तेजी से काम कर रही है।