श्रम कानूनों से उद्योगों को छूट देना शोषणकारी कदम: मायावती
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर श्रम कानूनों से राज्य के कुछ उद्योगों को छूट देने के लिए निशाना साधा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि श्रमिकों का पहले ही बुरा हाल है। आठ के स्थान पर 12 घंटे काम लेने की शोषणकारी व्यवस्था फिर से देश में लागू करना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे समय में इस तरह के आदेश शोषणाकारी हैं जब कोरोना वायरस संकट में इन्हें ही सबसे ज्यादा सरकारी मदद और सहानुभूति की जरूरत है।
मायावती ने ट्वीट किया, ‘कोरोना वायरस संकट के बीच श्रमिकों का सबसे बुरा हाल है। इसके बावजूद उनसे आठ के बजाय 12 घंटे काम लेने की शोषणकारी व्यवस्था फिर से लागू करना अति-दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। श्रम कानून में बदलाव देश की रीढ़ श्रमिकों के व्यापक हित में होना चाहिए, न कि उनके अहित में।’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया कि बाबा साहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर ने श्रमिकों के लिए काम के प्रतिदिन 12 घंटे के बजाय आठ घंटे तय करने और उससे अधिक समय तक काम लेने पर उन्हें अधिक पैसे दिए जाने की व्यवस्था तब की थी, जब देश में श्रमिकों का शोषण चरम पर था। उन्होंने कहा, ‘इसे बदलकर देश को उसी शोषणकारी युग में ढकेलना क्या उचित है?
बसपा प्रमुख ने कहा कि देश में मौजूदा हालात के तहत श्रम कानून में ऐसा संशोधन करना चाहिए, जिससे खासकर कारखानों या निजी संस्थानों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए वहीं ठहरने आदि की व्यवस्था हो। किसी भी स्थिति में वे भूखे न मरें और न ही उन्हें पलायन की मजबूरी हो। उन्होंने कहा कि सरकारें बेरोजगारी या भूख से परेशान मजदूरों के खिलाफ शोषणकारी आदेश लगातार जारी कर रही हैं।