पटना

आरएसएस और भाजपा संविधान के मूल्यों के विरोधी हैं। सावरकर, हेडगेवार, गोलवलकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी सभी दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों को मिले संवैधानिक अधिकारों के विरोधी रहे हैं। क्योंकि ये लोग संविधान के बजाए मनुस्मृति से देश की व्यवस्था चलाना चाहते हैं। सिर्फ़ कांग्रेस ही संविधान की रक्षा कर सकती है।

ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 173 वीं कड़ी में कहीं।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संविधान के 75 साल होने के अवसर पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी ने जिस तरह संविधान की रक्षा के लिए कांग्रेस और जनता के संकल्प को रखा है वह पूरे देश को प्रेरित करता है। उनका भाषण देश को आश्वस्त करता है कि कांग्रेस के नेतृत्व में देश संविधान पर मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे हमलों से सफलतापूर्वक मुक़ाबला करेगा और संविधान के शासन को फिर से कायम करेगा।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संविधान विरोधी आरएसएस भाजपा का विरोध करने के साथ ही आरएसएस-भाजपा को आर्थिक रूप से मदद करने वाले अंबानी-अडानी का भी खुलकर विरोध करना पड़ेगा। ऐसा नहीं हो सकता कि आप भाजपा के तो विरोधी हों लेकिन अंबानी-अडानी के समर्थक हों।

उन्होंने कहा कि हमें स्वतंत्रता संग्राम में गाँधी जी द्वारा ब्रिटिश साम्राज्यवाद से संघर्ष में विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार से प्रेरणा लेनी चाहिए। गाँधी जी जानते थे कि अंग्रेज़ों की राजनीतिक सत्ता से लड़ने के लिए उसके आर्थिक स्रोतों को भी कमज़ोर करना ज़रूरी है। उसी तरह भाजपा विरोधी दलों को अंबानी-अडानी के लूटतंत्र का खुलकर विरोध करना होगा।