‘समाज के पुनर्निर्माण में नैतिक मूल्यों की भूमिका’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

लखनऊ: कोई भी समाज सही मायनों में तभी विकसित हो सकता है जब उस समाज के लोग नैतिकता से परिपूर्ण हों, उच्च चरित्र वाले हों और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा दें। समाज की सुख-शांति और सामाजिक सुधार का रहस्य नैतिक मूल्यों में निहित है। हमें नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए, जिससे हमारे समाज में सुधार हो सके। ये विचार जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर मुहम्मद सलीम इंजीनियर ने व्यक्त किए। जमात-ए-इस्लामी हिंद, पूर्वी यूपी की ओर से आज एक स्थानीय होटल में ‘समाज के पुनर्निर्माण में नैतिक मूल्यों की भूमिका’ विषय पर एक अंतर-धार्मिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। जिस की अध्यक्षता करते हुए प्रो.मुहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि अगर हममें नैतिकता नहीं है तो हममें और जानवरों में कोई अंतर नहीं है।

इस अवसर पर विभिन्न बुद्धिजीवियों, विचारकों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नैतिक मूल्यों के महत्व पर प्रकाश डाला तथा इनके माध्यम से सामाजिक सुधार की संभावनाओं पर चर्चा की।

ज़ैनबुल ग़ज़ाली, सचिव, जमात-ए-इस्लामी हिंद, पूर्वी यूपी ने उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों की कमी आज के युग की सबसे बड़ी समस्या है, जो भ्रष्टाचार और अन्य के रूप में प्रकट होती है। उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों की चर्चा करते हुए कहा कि नैतिक प्रशिक्षण का उद्देश्य आज भी पूरा नहीं हो सका है।

डॉ. भिक्षु ज्ञानालोक ने बौद्ध धर्म के संदर्भ में नैतिकता पर चर्चा की। उन्होंने सत्य को अपनाने और झूठ को अस्वीकार करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि झूठ सभी बुराइयों की जड़ है। यदि कोई मनुष्य कभी झूठ न बोलने की प्रतिज्ञा कर ले तो वह प्राय: बड़े पाप से बच जाता है।


फादर विनय फिलिप दयाल ने बाइबिल का उद्धरण देते हुए आपसी प्रेम एवं क्षमा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये दोनों विशेषताएं समाज के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एक-दूसरे से प्रेम करने से कई समस्याएं दूर हो जाती हैं, यदि हम आपसी प्रेम और क्षमा को बढ़ावा दें तो समाज में सर्वत्र नैतिकता का उदय होगा।

जैन समाज के पीके जैन ने जैन धर्म की शिक्षाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जीवन के हर पहलू में नैतिक मूल्यों का समावेश है और हमें उन्हें शिक्षित और प्रेरित करना अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देते रहना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार आनंद वर्धन सिंह ने आधुनिक युग में नैतिक मूल्यों की कमी को एक गंभीर समस्या बताया और विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुर्व्यवहार की बढ़ती घटनाओं पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि हमें नैतिक प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए अपने परिवार और बुजुर्गों के साथ समय बिताने की जरूरत है। नाका हिंडोला के हेड ग्रंथी ज्ञानी गुरजिंदर सिंह ने नैतिकता की शुरुआत को मनुष्य के स्वयं से जोड़ते हुए कहा कि नैतिक सुधार की शुरुआत स्वयं से होती है और इसका प्रभाव हमारे कार्यों में दिखाई देता है।


कार्यक्रम का संचालन मुहम्मद साबिर खान ने किया। नगर अध्यक्ष डॉ. अमजद सईद फलाही ने सभी वक्ताओं और श्रोतागणों को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।