लखनऊ:
मंगलवार को स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन के इंडियाज़ डॉटर्स कैंपेन सम्मान समारोह में असीम अरुण राज्य मंत्री समाज कल्याण ने कहा “समानता लोकतंत्र का एक अहम पहलू है। लोकतांत्रिक सोच का मतलब यही है कि हम बरबरी में विश्वास रखते हैं। समानता के लिए हम बच्चियों को बताये उससे अधिक महत्वपूर्ण हैं कि हम अपने बेटों को बताएं की लड़कियां एक सामान हैं और पितृसत्ता को जड़ से मिटने के लिए उन्हें आगे आना होगा। समानता के भाव से अगर हम काम करे तो हम लोक तंत्र को मजबूत करते हैं। इस बात की ख़ुशी हैं कि स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन इस पर काम कर रहा हैं।” असीम अरुण जी ने हस्ताक्षर कर कैंपेन को लगातार चलने के लिए सभी से अनुरोध कर अपनी भागेदारी सुनिश्चित की।

स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन ने पितृसत्ता से लड़ने के लिए इंडियाज़ डॉटर्स अभियान चला रक्खा है। २०२२ में इस अभियान के अंतर्गत 1700 स्कूलों ने प्रतिभागिता की है। इस वर्ष अभियान में आयोजित होने वाली रैलियां, नुक्कड़ नाटक, चर्चाएं और प्रतियोगितायें पुरुष केंद्रित थी। इस वर्ष का नारा – It’s time for men and boys to change। पिछले दो वर्षों से इंडियाज़ डॉटर्स कैंपेन का फोकस लड़के बन गए हैं। सभी स्कूलों में पितृसत्ता पर चर्चा का आयोजन किया जाता रहा है। इसी के साथ साथ drama competition, film making, poster making, essay और poem writing competitions कराये गए। इन competitions में लगभग २ लाख बच्चों ने हिस्सा लिया है और विजेताओं में १ लाख 54 हज़ार की धनराशि स्कालरशिप के रूप में वितरित की गयी।