● अधिवक्ताओं और नागरिक समाज से किया गया जनसंपर्क
● हर व्यक्ति के सम्मानजनक जीवन की गारंटी करें सरकार

लखनऊ
विभिन्न छात्र युवा संगठनों की तरफ से शुरू किए गए रोजगार अधिकार अभियान के तहत आज सेंट्रल बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों और अधिवक्ताओं से संपर्क किया गया और नागरिक समाज के बीच में भी पर्चा वितरण किया गया। बड़े पूंजी घरानों की संपत्ति पर टैक्स लगाने, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार की गारंटी करने, सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को भरने और हर व्यक्ति के सम्मानजनक जीवन की गारंटी करने के सवाल पर चल रहे इस अभियान को व्यापक समाज का समर्थन मिल रहा है।

लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रोफेसर रूपरेखा वर्मा ने इस अभियान का समर्थन करते हुए पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया है। अधिवक्ताओं ने भी बातचीत में कहा कि आज के समय का सबसे बड़ा सवाल रोजगार संकट है। इसके कारण हिंदुस्तान के हर नागरिक के संविधान में प्रदत्त सम्मानजनक जीवन जीने के अधिकार का हनन हो रहा है। लोगों ने सरकार से मांग की कि वह सम्मानजनक जीवन जीने के अधिकार की गारंटी करें। अभियान के तहत संवाद करते हुए युवा मंच के संयोजक राजेश सचान ने कहा कि देश के बड़े पूंजी घरानों के ऊपर टैक्स लगाकर संसाधन जुटाए जा सकते हैं और हर नागरिक के शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, आवास और पुरानी पेंशन बहाली जैसे सवालों को हल किया जा सकता है। युवा शक्ति संगठन के संयोजक गौरव सिंह एडवोकेट ने कहा कि देश में रिक्त पड़े सभी सरकारी पदों को तत्काल भरना चाहिए और रोजगार को संवैधानिक अधिकार बनाया जाना चाहिए। युवा मंच के नेता जैनुल आबदीन और रविंद्र यादव ने कहा कि रोजगार और सरकारी नौकरी का प्रश्न न सिर्फ हमारे लिए जीवन-मरण का सवाल है बल्कि राष्ट्र निर्माण में बेहतरीन श्रमशक्ति के उपयोग से भी यह जुड़ा हुआ है। श्रम शक्ति का विनाश भयावह है इस पर रोक लगनी चाहिए।