रोजगार बने मौलिक अधिकार, आइपीएफ और मजदूर किसान मंच ने पूरे प्रदेश में किया प्रदर्शन
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रही महिलाओं पर हिंसा के खिलाफ हाथरस के डीएम पर कार्रवाई करने, किसान विरोधी विधेयकों को वापस लेने, रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने और मनरेगा में काम व काम का पूरा दाम देने की मांग पर आज ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व मजदूर किसान मंच की इकाइयों ने पूरे प्रदेश में गांधी जयंती के अवसर पर सत्याग्रह प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया. अखिल भारतीय किसान मजदूर संघर्ष समन्वय समिति व अन्य जनवादी संगठनों के आवाहन पर आयोजित इस कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश में सोनभद्र, चंदौली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, रामपुर, इलाहाबाद, गोंडा, बस्ती, वाराणसी, आगरा और लखनऊ में आयोजित किया गया.
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आईजी एस आर. दारापुरी और मजदूर किसान मंच के महासचिव डॉ बृज बिहारी ने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश महिलाओं की कब्रगाह में तब्दील हो गया है. लगातार हो रही बलात्कार, हत्या की घटनाएं यह दिखाती है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है. पूरी सरकार और उसके तंत्र का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों से निपटने में किया जा रहा है. हाथरस की पीड़ित के परिवारजनों से विपक्ष समेत मीडिया तक को मिलने नहीं दिया जा रहा है. तानाशाही पर उतारू योगी सरकार ने सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है और उसे अब इस्तीफा देना चाहिए.
कार्यक्रम का नेतृत्व राजेश सचान, सुनीता रावत, इंजीनियर दुर्गा प्रसाद, कृपाशंकर पनिका, कांता कोल, मंगरु प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद गोंड़, नागेंद्र गौतम, अनिल सिंह, यूके श्रीवास्तव, प्रीती श्रीवास्तव, साबिर अजीजी, राजनारायण मिश्रा, योगीराज सिंह आदि लोगों ने किया.