इमैनुएल चारपेंटियर, जेनीफर डॉडना को रसायन का नोबेल
स्टॉकहोमः रसायन विज्ञान में वर्ष 2020 के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई। इस साल यह पुरस्कार इमैनुएल चारपेंटियर और जेनीफर डॉडना को दिया जाएगा। रसायन विज्ञान के क्षेत्र में इस साल का नोबेल पुरस्कार ‘‘जीनोम एडिटिंग’’ की पद्धति का विकास करने के लिये दिया जा रहा है।
नोबेल पुरस्कार समिति ने सोमवार को शरीर विज्ञान एवं औषधि क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिकों- हार्वे जे आल्टर और चार्ल्स एम राइस तथा ब्रिटेन में जन्मे वैज्ञानिक माइकल हफटन को देने की घोषणा की थी। इसके अलावा साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र जैसे क्षेत्रों में सराहनीय कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाता है।
रसायन विज्ञान के क्षेत्र में वर्ष 2020 का नोबेल पुरस्कार ‘जीनोम एडिटिंग’ पद्धति का विकास करने के लिये एमैनुएल चारपेंटियर और जेनीफर डॉडना को देने की बुधवार को घोषणा की गई। स्टॉकहोम में स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की घोषणा की। इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और पुरस्कार की राशि के रूप में 10.1 लाख डॉलर से अधिक नकद राशि दी जाती है।
मुद्रास्फीति के मद्देनजर पुरस्कार की राशि हाल ही में बढ़ाई गई थी। ‘जीनोम एडिटिंग’ एक ऐसी पद्धति है, जिसके जरिये वैज्ञानिक जीव-जंतु के डीएनए में बदलाव करते हैं। यह प्रौद्योगिकी एक कैंची की तरह काम करती है, जो डीएनए को किसी खास स्थान से काटती है। इसके बाद वैज्ञानिक उस स्थान से डीएनए के काटे गये हिस्से को बदलते हैं। इससे रोगों के उपचार में मदद मिलती है।
आनुवंशिक रोगों और यहां तक कि कैंसर के उपचार में भविष्य में मददगार साबित होने वाली ‘‘जीनोम एडिटिंग’’ की एक पद्धति विकसित करने के लिये रसायन विज्ञान के क्षेत्र में 2020 का नोबेल पुरस्कार दो महिला वैज्ञानिकों को देने की बुधवार को घोषणा की गई। स्टॉकहोम में स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने यह प्रतिष्ठित पुरस्कार एमैनुएल चारपेंटियर और जेनिफर ए. डॉडना को देने की घोषणा की है। यह पहला मौका है जब रसायन विज्ञान के क्षेत्र में दो महिलाओं को एक साथ इस पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है।
फ्रांसीसी वैज्ञानिक एमैनुएल और अमेरिकी वैज्ञानिक जेनिफर ने ‘सीआरआईएसपीआर/सीएएस9’ (क्रिस्पर/कास9) नाम की एक पद्धति विकसित की, जिसका इस्तेमाल जंतुओं, पौधों और सूक्ष्म जीवों के डीएनए को अत्यधिक सूक्ष्मता से बदलने में किया जा सकता है। रसायन विज्ञान के लिये नोबेल समिति के अध्यक्ष क्लेज गुस्ताफसन ने कहा, ‘‘इस आनुवंशिक औजार में अपार क्षमता है, जो हम सभी को प्रभावित करता है। इसने न सिर्फ बुनियादी विज्ञान में क्रांति लाई है, बल्कि यह एक नवोन्मेषी उपाय के रूप में सामने आया है और यह नये मेडिकल उपचार में जबरदस्त योगदान देने वाला है। ’’