लखनऊ:
उप नेता, राज्य सभा प्रमोद तिवारी यूपी में जारी बिजली कटौती पर भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि भाषणों से बिजली गिराई जा सकती है लेकिन बिजली बनाई नहीं जा सकती। प्रमोद तिवारी ने कहा है कि आज संपूर्ण उत्तर प्रदेश अघोषित बिजली संकट से गुजर रहा है, जनता त्राहि – त्राहि कर रही है है, भीषण गर्मी पड़ रही है, नहरों में पानी नहीं है, और सिंचाई के लिये बिजली नहीं उपलब्ध है यदि समय रहते धान की बेहन नहीं डाली गयी और धान की रोपाई नहीं हुई तो किसानों को अपूर्णनीय क्षति होगी ।

कांग्रेस नेता ने कहा कि गरम- गरम भाषणों से या जुमलों से अथवा गुस्सा दिखाने से अखबारों की सुर्खियां तो बन सकती है, और जनता को भ्रम में डालकर वोट तो मिल सकते हैं परन्तु इससे बिजली नहीं बनती। उत्तर प्रदेश में जब से भारतीय जनतापार्टी सत्ता में आयी हे तो इन 6 सालों में इन्होंने कितने थर्मल पाॅवर प्लाण्ट लगाये हैं ? और कितने पाॅवर प्लाण्ट लगाकर उसका उद््घाटन किया है ? तथा बिजली का उत्पादन बढ़ाया है, या फिर कितने सौर ऊर्जा के प्लाण्ट लगाये हैं ? इस बींच प्रदेश में बिजली की कितनी मांग बढ़ी है? प्रदेश में बिजली के उत्पादन और बिजली की मांग को सार्वजनिक किया जाय ।

श्री तिवारी ने कहा है कि जब बिजली के बिल का थोड़ा सा भी बकाया रहता है तो उपभोक्ताओं के बिजली के कनेक्षन बेरहमी से काट दिये जाते हैं, जब आम उपभोक्ता समय से भुगतान करता है बिजली का बिल जमा करता है तो फिर उन पर यह जुर्म क्यों ? ट्रांसफार्मर सरकार के स्टाक में उपलब्ध नहीं है, ओवर लोडिंग के कारण जब ट्रांसफार्मर जल जाते हैं, विशेषरूप से कस्बों या ग्रामीण क्षेत्रों में, तो कई- कई दिन तक ट्रांसफार्मर बदले नहीं जा रहे हैं, ऐसी स्थिति में स्थिति और भी भयावह हो जाती है, इसमें न तो कर्मचारियों का दोष है और न ही अधिकारियों का ही दोष है, यदि इसमें दोष है तो मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार के मांग और बिजली आपूर्ति के बींच लम्बे अंतराल का दोष है ।

श्री तिवारी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के जो सांसद चुनाव के अंतिम साल में भ्रमण पर जाते हें तो वे जनता को बतायें कि प्रदेश में कितना विद्युत उत्पादन बढ़ा है ? या कितने नये थर्मल पाॅवर प्लाण्ट प्रदेष में लगाये गये हैं, या उनके क्षेत्र में लगाये गये हैं, अथवा सौर ऊर्जा के कितने प्लाण्ट लगाये हैं ? जो भा.ज.पा. सरकार की 9 साल की उपलब्धियों का गाना गा रहे हैं वे खासतौर से जनता को यह बतायें।

भा.ज.पा. सरकार अपनी अकर्मण्यता की सजा जनता को न दे, नेशनल पाॅवर ग्रिड और पूर्वोत्तर राज्यों में जहां अतिरिक्त बिजली उपलब्ध है वहां से उत्तर प्रदेश सरकार तत्काल बिजली खरीदे, जिससे मांग के अनुरूप प्रदेश में बिजली की उपलब्धता बढ़े, ताकि जनता को तथा किसानों को, खासतौर से ग्रामीणांचल में और अर्द्ध शहरी इलाकों में लोगों को बिजली के संकट से मुक्ति मिल सके । आज उत्तर प्रदेश में बिजली का जो संकट है उसके लिये उत्तर प्रदेश सरकार की अव्यवहारिक और अदूरदर्षी नीति पूरी तरह से जिम्मेदार है ।