पांच राज्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा
सात चरणों में होंगे चुनाव, पहले फेज़ की अधिसूचना 14 जनवरी को, मतगणना 10 मार्च को
टीम इंस्टेंटखबर
चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों का कार्यक्रम घोषित कर दिया है. घोषित प्रोग्राम के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव संपन्न होंगे, वहीँ मणिपुर में दो चरणों में, जबकि पंजाब उत्तराखण्ड और गोवा में एक ही चरण में चुनाव संपन्न होगा।
चुनाव आयोग के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण के तहत मतदान किया जाएगा. इसके बाद दूसरे चरण का 14 फरवरी, तीसरे चरण का 20 फरवरी, चौथे चरण का 23 फरवरी, पांचवे चरण का 27 फरवरी, छठे चरण का 3 मार्च और सातवें चरण का 7 मार्च को मतदान होगा. चुनावों के नतीजे 10 मार्च को आएंगे.
चुनाव आयोग ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते 15 जनवरी तक रोड यात्रा, पदयात्रा, बाइक रैली, साइकिल यात्रा और फिजिकल रैली पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा. इस दौरान कोई भी फिजिकल रैली नहीं हो सकेगी. पार्टियां डिजिटल और वर्चुअल तरीकों से प्रचार कर सकती हैं. वहीं डोर टू डोर कैंपेन के दौरान भी 5 लोगों ही इजाजत दी जाएगी. 15 जनवरी के बाद कोरोना की स्थिति और दिशानिर्देशों के हिसाब से चुनाव आयोग आगे निर्देश देगा.
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव कराए जाने पर आयोग ने कहा कि चुनाव आयोग को संविधान से समय पर चुनाव कराने कि शक्ति मिली है. कोरोना के दौरान यह बहुत ही चुनौतिपूर्ण है और हमें ये देखना है कि कैसे चुनाव कराए जाएं. आयोग का कहना है कि नए दिशानिर्देश कोरोना के मद्देनजर चुनाव के लिए जारी किए जाएंगे. आयोग ने ये भी बताया कि बढ़ते ओमिक्रान मामलों के चलते स्वास्थ्य सचिव, विशेषज्ञों और सरकार के साथ कई बैठकें की गई हैं.
CEC सुशील चंद्रा ने बताया कि संविधान में राज्य सरकार का कार्यकाल पांच साल का है और ये इससे ज्यादा नहीं हो सकता है. ऐसे में चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है और आयोग का काम समय पर चुनाव कराना है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग ने बताया है कि पांच राज्यों में महिलाओं के भाग लेने में लगातार बढ़त देखी गई है. सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में महिलाओं की चुनाव में भागीदारी बढ़ी है. महिलाओं के लिए खास तरह के इंतजाम किए जाएंगे. आयोग ने बताया है कि हर विधानसभा में कम से कम एक पोलिंग बूथ ऐसा होगा जो पूरी तरह से महिला कर्मचारियों द्वारा ही संचालित किया जाएगा. CEC सुशील चंद्रा ने बताया कि पांच राज्यों के चुनाव में 18.34 करोड़ मतदाता हिस्सा लेंगे, जिनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं.