चुनाव आयोग ने कूचबिहार घटना के लिए स्थानीय लोगों को बताया ज़िम्मेदार
कहा- ग़लतफ़हमी में भड़की हिंसा, जान बचाने के लिए CISF ने चलाई गोली
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के दौरान कोच बिहार में बड़ी घटना हुई. यहां हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई. इसे लेकर चुनाव आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सितालकुची विधानसभा सीट के एक पोलिंग बूथ पर गोलीबारी की घटना स्थानीय लोगों द्वारा ‘गलतफहमी’ की वजह से हुई. चुनाव आयोग के अनुसार सुरक्षाबलों ने जिंदगी बचाने के लिए फायरिंग की.
TMC ने कहा, पांच लोगों की मौत
चुनाव आयोग का यह बयान इसलिए आया है, क्योंकि मतदान के समय हुई हिंसा को काबू करने के लिए सीआईएसएफ ने फायरिंग की, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई है. हालांकि टीएमसी का दावा है कि मरने वालों की संख्या पांच है. जिसपर चुनाव आयोग ने रिपोर्ट मांगी थी.
CISF ने की फायरिंग
कूचबिहार के सितालकुची विधानसभा सीट के एक मतदान केंद्र पर शनिवार को सुबह करीब 11 बजे बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी. रिपोर्ट्स के अनुसार झड़प में दोनों तरफ से बम और गोलियों का इस्तेमाल हुआ. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सीआईएसएफ की तरफ से फायरिंग की गई. जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई.
ग़लफ़हमी से भड़की हिंसा
चुनाव आयोग का कहना है कि सुबह जब केंद्रीय सुरक्षा बल सितालकुची में मतदान केंद्र के पास एक बीमार लड़के की मदद करने की कोशिश कर रहे थे, तब कुछ स्थानीय लोगों ने सोचा कि लड़के को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल वाले उसे पीट रहे हैं. इसी गलतफहमी में वहां 300-350 ग्रामीण जमा हो गए. उत्तेजित भीड़ ने मतदान केंद्र पर हमला कर दिया. भीड़ ने सुरक्षाबलों से उनके हथियारों को भी छीनने की कोशिश की. चुनाव आयोग ने कहा कि, बचाव में सुरक्षाकर्मियों ने पहले हवा में फायरिंग की लेकिन उससे भीड़ पीछे नहीं हटी . अंत में ईवीएम और अन्य मतदान सामग्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अपनी जान बचाने के लिए मजबूरन सुरक्षाबलों को फायरिंग करना पड़ा. क्योंकि सुरक्षाबलों के पास इसके सिवा कोई अन्य विकल्प नहीं था. परिणामस्वरूप चार लोगों की मौत हो गई.