कोशिश रंग लाई: मेमोरियल पिलर मोहिबुल्लापुर के निषिद्ध क्षेत्र से हटाये जायेंगे 43 अवैध कब्ज़े
लखनऊ:
स्नेहनगर और नायकनगर कॉलोनी में मेमोरियल पिलर मोहिबुल्लापुर के 200 मीटर दायरे में बने 43 मकान गिराए जाएंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इन 43 मकानों के मालिकों को जमीन खाली करने का नोटिस भेजने के साथ एलडीए को तत्काल कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था नवम्वर 2016 में।
मोहिबुल्लापुर के पास हेनरी लॉरेंस की कब्र बनी है। इसका निर्माण 29 जून 1857 को हुआ था। इसी जगह को मेमोरियल पिलर मोहिबुल्लापुर कहते हैं। एएसआई ने इसे रेजिडेंसी और मच्छी भवन का हिस्सा मानकर संरक्षित घोषित कर रखा है। इसके 100 मीटर के दायरे (निषिद्ध क्षेत्र) में कोई नया निर्माण नहीं किया जा सकता, जबकि 200 मीटर के दायरे (विनियमित क्षेत्र) में मरम्मत के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के डायरेक्टर जनरल से अनुमति लेना जरूरी है। इसके बावजूद कुछ प्रॉपर्टी डीलरों ने 100 मीटर तक के दायरे की जमीन को भी स्नेहनगर और नायकनगर कॉलोनी का हिस्सा बताकर कई लोगों को बेच दी।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का पत्र मिलने के बाद एलडीए अफसर भी कार्रवाई करने से बचना चाह रहे हैं। इस मामले में एलडीए को ही कार्रवाई करनी है, लेकिन अफसर कभी नगर निगम को पत्र लिख रहे हैं तो कभी जिला प्रशासन को। इस नोटिस को दिए लगभग 5 साल हो चुके हैं ।
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार संजोग वॉल्टर ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से इन अवैध निर्माण को नोटिस जारी किये जाने की बात को स्वीकार कर लिया है।
जिन लोगों को नोटिस जारी की गयी है उनमें स्नेहनगर से बीआर अवस्थी, वीपी गुप्ता, लल्लू राम, सुपरीटेंडिंग ऑफ पुलिस, रोहित अग्रवाल (बिल्डर), डॉ. हामिद, आरवी सिंह, पप्पू, शिल्पा श्रीवास्तव, वंसल, मोहम्मद हालिम, संजय अग्रवाल, श्रवण मिश्रा, डीएस गुप्ता, प्रदीप पाण्डेय। नायकनगर से आरएस पाठक, भार्गव, वीरेंद्र शाही, निशा, इतराम, सुधीर चंद्र राठौर, एसपी सिंह, राजीव श्रीवास्तव, जेपी वर्मा, रितेश गोयल, कन्हैया लाल मिश्रा, दया शंकर। महाराजा अग्रसेन नगर से केशव विनोद बिहारी अग्रवाल। प्रियदर्शनी योजना से वीपी मिश्रा, आलोक भार्गव (डुडौली मार्ग), श्री जायसवाल, आलोक भार्गव के अलावा 11 अन्य लोगों को भी नोटिस भेजे गए हैं।
बड़ा सवाल ये उठता है कि जब संरक्षित स्मारक के 100 मीटर (निषिद्ध क्षेत्र) में कोई नया निर्माण नहीं हो सकता है तो लखनऊ नगर निगम से गृह कर व जल संस्थान से जल कर व मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि. लखनऊ से विधुत संयोजन कैसे मिल जाता है ?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का पत्र मिलने के बाद भी एलडीए अफसर कार्रवाई करने से बचना चाह रहे हैं। इस मामले में एलडीए को ही कार्रवाई करनी है, लेकिन अफसर कभी नगर निगम को पत्र लिख रहे हैं तो कभी जिला प्रशासन को। इस नोटिस को दिए लगभग 5 साल हो चुके हैं । इस मामले में LDA, नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को आपस में सामंजस्य बिठाकर कार्रवाई करनी चाहिए।
संजोग वाल्टर का क्रिश्चियन बरियल बोर्ड ने जताया आभार
लखनऊ क्रिश्चियन बरियल बोर्ड ने संजोग वाल्टर {पत्रकार} का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा भारतीय पुरातत्व विभाग से सूचना प्राप्त की गयी जिसमें जानकारी हासिल हुई कि मुहिबुल्लापुर सीतापुर रोड लखनऊ में स्थित क्रिश्चियन कब्रिस्तान और स्मारक स्तंभ के चारों तरफ 43 मकानों का अवैध निर्माण किया गया और उनको हटाने के संबंध में 2016 में जो अधिसूचना जारी की गई थी। उसकी फाइल नहीं मिल पा रही थी लेकिन संजोग वाल्टर जी के सहयोग से विभाग ने उनको सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत अवगत कराया है की इन भवनों के मालिकों ने पूर्व में अनुमति प्राप्त नहीं की थी ।इन लोगों को नोटिस जारी किया गया है और जल्दी ही अवैध निर्माणों को हटाया जाएगा। बरियल बोर्ड के पदाधिकारी व सदस्य संजोग वाल्टर के आभारी हैं और उनको धन्यवाद प्रदान करते हैं। उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि लखनऊ में ईसाई कब्रिस्तानों के प्रति सजग रहने वाले संजोग वाल्टर आगे भी हमेशा इसी तरह मसीही समाज के लिए खड़े रहेंगे।