महिला सशक्तीकरण की राह में शिक्षा मील का पत्थर- संपत पाल देवी (गुलाबी गैंग)
लखनऊ: अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के एमिटी स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज, एमिटी स्कूल ऑफ फैशन टैक्नोलाजी और एमिटी स्कूल ऑफ फाइन आर्टस् द्वारा ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किए गए।
एमिटी स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज द्वारा एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रम गिव हर विंग्स् का आयोजन किया जिसमें डीसीपी लखनऊ सुश्री शालिनी, निदेशिका एमिटी स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज प्रोफेसर कुमकुम रे, संस्थापक साझेदार टीआरएस ला फर्म तालिश रे, एसोसिएट डायरेक्टर इकानमिक ला प्रैक्टिस करिश्मा मैन्नर और एडवोकेट हाईकोर्ट लखनऊ अतुल वर्मा बतौर वक्ता शामिल हुए।
मुख्य अतिथि डीसीपी लखनऊ सुश्री शालिनी ने कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए कहा कि, महिला केवल परिवार ही नहीं बल्कि राष्ट्र की निर्माता है। महिलाओं को सशक्त बनाकर ही हम देश को विकास की ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।
दूसरी ओर एमिटी स्कूल ऑफ फैशन टैक्नोलाजी और एमिटी स्कूल ऑफ फाइन आर्टस् द्वारा आयोजित आनलाइन परिचर्चा कार्यक्रम में गुलाबी गैंग की संस्थापिका संपत पाल देवी ने महिला सशक्तीकरण विषय पर खुलकर अपनी राय साझा की।
एमिटी स्कूल ऑफ फैशन टैक्नोलाजी और एमिटी स्कूल ऑफ फाइन आर्टस की निदेशिका प्रोफेसर पूजा वर्मा ने संपत पाल देवी का स्वागत करते हुए लोगों को गुलाबी गैंग और संपत पाल देवी के बारे में जानेकारी दी।
कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि, महिला सशक्तीकरण को सामाजिक वातावरण बनाने के माध्यम के रूप में देखा जा सकता है जिसमें कोई व्यक्ति अपने संबंध में निर्णय ले सकता है और सामाजिक परिवर्तन के लिए व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से विकल्प चुन सकता है। उन्होने कहा कि, महिला सशक्तीकरण की दिशा में महिला शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। भारत में महिलाओं की शिक्षा में सरकार और समाज दोनों का प्रमुख योगदान है और दोनों को ही सकारात्मक तरीके से इसके लिए प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि, समाज में असमानता की स्थिति को बदलने के लिए महिलाओं की शिक्षा सबसे शक्तिशाली साधन है। भारत में महिला शिक्षा समय की जरूरत है, क्योंकि शिक्षा महिला सशक्तीकरण की आधारशिला है। शिक्षा ही परिवार के भीतर अपनी स्थिति में सुधार के साधन के रूप में असमानताओं और कार्यों में कमी लाती है और भागीदारी की अवधारणा को विकसित करती है।
शिक्षित महिलाएँ देश के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, निभा रहीं हैं। जीवन के हर क्षेत्र में महिलाएं पुरूषों के साथ बराबरी से खड़ी हैं। शिक्षा महिला सशक्तीकरण का मील का पत्थर है क्योंकि यह उन्हें चुनौतियों का जवाब देने, उनकी पारंपरिक भूमिका का सामना करने और उनके जीवन को बदलने में सक्षम बनाता है।
डीन स्टूडेंट वेलफेयर, एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ कैंपस, डॉ मंजू अग्रवाल सहित इस कार्यक्रम में 200 से अधिक छात्र शामिल हुए थे।