इस डिजिटल दौर में किताबें पढ़ना मत छोड़िये : राजपाल यादव
रा वर्सेज आईएसआई, पत्रकारिता के टेढे़ मेढ़े रास्ते, तारीख हमें साथ लिये जाती है व आध्या का विमोचन
लखनऊ
‘डिजिटल वर्ल्ड को जरूर हृदय से लगाइये, पर किताबें पढ़ना मत छोड़िये। जिसने पढ़ना छोड़ दिया, उसने कढ़ना छोड़ दिया। मस्तिष्क को गढ़ने में किताबों की अहम भूमिका है, जो आपमें विवेक पैदा करती हैं।’
ये कहना था हास्य अभिनेता राजपाल यादव का। वे बलरामपुर गार्डन में चल रहे इक्कीसवें राष्ट्रीय पुस्तक मेले में नवें दिन रा वर्सेज आईएसआई के विमोचन के अवसर पर मुख अतिथि के तौर पर बोल रहे थे। दस दिवसीय मेला कल समापन समारोह के साथ अगले वर्ष तक के लिये विदा ले लेगा।
हास्य अभिनेता ने अपने गृहनगर शाहजहांपुर के साथ लखनऊ में पिछली सदी के आखिरी दशक के शुरुआती वर्षों में भारतेंदु नाट्य अकादमी में बिताये वर्षों का जिक्र करते हुये अगली पीढ़ी को खेलने, पुस्तकें पढ़ने और पढ़कर आगे बढने का प्रेरक संदेश दिया। मेला आयोजन को सराहते हुए विमोचित पुस्तक रा वर्सेस आईएसआई के बारे में बताया कि इसपर लेखक सर्वजीत सिंह वेब सीरीज़ भी बना रहे हैं। यूपी त्रिपाठी के संचालन में चले समारोह में दौलत वैश्य, आदित्य, पर्यावरण पर काम रही दीपिका, प्रकाशक विवेक व दिनेश की उपस्थिति में लेखक सर्वजीत ने बताया कि एक हिन्दुस्तानी और एक पाकिस्तानी चरित्र से ये कथा उपजी है।
मेला मंच के साहित्यिक आयोजनों के क्रम में आज आदर्श प्रकाश सिंह की विवेचनात्मक पुस्तक पत्रकारिता के टेढ़े मेढ़े रास्ते का विमोचन हुआ। प्रेम कांत तिवारी के संचालन में चले कार्यक्रम में पत्रकारिता को सबसे बड़ा खतरा विज्ञापनदाताओं से बताते हुए संतोष तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता का जुनून आदर्श में आज भी बरकरार है। सूचना आयुक्त राजेन्द्र सिंह ने बताया कि आदर्श की पहली प्रकाशित किताब पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए रही तो ये किताब पत्रकारीय जीवन पर है। यहां लोकभारती के संगठन मंत्री ब्रजेन्द्र पाल सिंह, आलोक सिंह, मनोज चंदेल, सूचना आयुक्त राजेन्द्र सिंह, संतोष तिवारी और लेखक ने विचार व्यक्त किये। राजकमल प्रकाशन की ओर से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी व कवि हरिओम के कविता संग्रह तारीख हमें साथ लिये जाती है के विमोचन के बाद किताब पर चर्चा हुई। यहां रचनाकार हरिओम ने शीर्षक रचना के साथ कई कविताएं पढ़ीं। वहीं मनोज पाण्डेय के संचालन में पुस्तक पर कवि नरेश सक्सेना, रामजी राय, प्रणय कृष्ण, बसंत त्रिपाठी, बजरंग बिहारी तिवारी और प्रेमशंकर सिंह ने अपनी बात रखी।
मेले में कम से कम 10 प्रतिशत छूट तो हर स्टाल पर मिल रही है, पर प्रकाशन विभाग के स्टाल पर खरीदारी की रकम के हिसाब से 10 से 45 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है। यहां मुंबई के ऐतिहासिक बंदरगाहों पर गेटवे टू द सी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषणों पर आशाओं की उड़ान, कुणाल किशोर की दलित देवो भव का प्रथम भाग जैसी कई नयी पुस्तकें हैं। नई पुस्तकों में बच्चों के लिये मनोरमा जफा की चेतक और प्रताप जैसी कई किताबें हैं। मेले में मजलिस तहकीकात व नशरियाते इस्लाम, राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी, अहमदिया कम्यूनिटी और गुडवर्ड के स्टाल पर इस्लाम से सम्बन्धित और उर्दू की किताबें खूब हैं।
शाम को मंच पर लिटरेरी वॉरियर्स ग्रुप और कल्याणी फाउंडेशन के संयोजन में डा.किरणदयाल स्नेही की पुस्तक आध्या विमोचन किया। संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष जयंत खोत की उपस्थिति और सूर्य कुमार पांडे की अध्यक्षता में हुए समारोह में डा.रेणु मिश्रा, नीलम सक्सेना, डा.अमिता दुबे, संजीव जायसवाल संजय, डा.मनीष शुक्ल, अभिनेता चंद्रभूषण सिंह, यूबी तिवारी, दीद लखनवी, अर्चना जैन,डा.पुष्पा सिंह, प्रीति पांडे, अजय कुमार वर्मा आदि ने कविता पाठ किया।