अदब की महफिलों की जान थे डॉक्टर तौसीफ: अहमद सईद
ताज़ियती नशिस्त में डॉक्टर तौसीफ फतेहपुरी को शायराना खिराजे अकीदत
तहसील फ़तेहपुर: कस्बे के मारूफ शायर व समाजी शख्सियत डॉक्टर तौसीफ फतेहपुरी की याद मे बज्मे अदब उर्दू की जानिब से एक तजियाती नशिस्त का आयोजन किया गया जिसकी सदारत सीनियर शायर राही सिद्दीकी ने की।
इस मौके पर अंजुमन मुस्लिम आना फण्ड के नायब सेक्रेटरी मास्टर अहमद सईद ने कहा कि मरहुम डॉक्टर तौसीफ की बहुत बेहतरीन शख्सियत थी अदब की सभी महफिलों की जान थे उनके महफ़िल मे आ जाने से रौनक आ जाती थी बहुत की खुशमिजाज इंसान थे। मशहूर शायर कारी अब्दुल सत्तर बिलाली ने कहा वैसे तो सभी लोग आए है दुनियाँ से न जाने के लिए लेकिन कुछ लोगों के जाने से बहुत अफसोस होता है उन्होंने इस शायर के साथ अपने खयालात का इज़हार किया कि
“मौत वो है कि जमाना करे जिस पर अफसोस,
यू तो दुनियां मे सभी आये है मरने के लिए।”
सदारत कर रहे राही सिद्दीकी ने अपने ख्याल का इज़हार करते हुए कहा कि मरहूम से मेरा शार्गिद और उस्ताद का रिश्ता था बहुत अच्छे एखलाक था उनका जो उनसे एक बार मिलता था वह उनकी शख्शियत से मुतास्सिर हो जाता था। नशिस्त की निज़ामत नौजवान शायर हस्सान बिलाली ने की।
इस मौके पर खुसुशी तौर पर हाफिज अब्दुल हाइ,पत्रकार जावेद अख़्तर,मतिउल्लाह शेख,अकबर फतेहपुरी,हसीब,हलीम उस्ताद फ़हीम सिद्दीकी व अली मौजूद रहे।