DMK का चुनावी घोषणापत्र: कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली, सीएए लागू न करने का वादा
आगामी लोकसभा चुनावों के लिए तमिलनाडु में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल द्रमुक ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। द्रमुक ने अपने घोषणापत्र में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और समान नागरिक संहिता जैसे विवादास्पद मुद्दों को लागू नहीं करने का वादा किया है। साथ ही कहा है कि अगर गठबंधन ‘इंडिया’ केंद्र की सत्ता में आता है तो कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल किया जाएगा।
द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन ने अपने चुनाव लड़ने वाले 21 उम्मीदवारों की सूची भी जारी की है जिनमें 10 मौजूदा सांसद शामिल हैं। टी आर बालू, कनिमोझी और ए राजा जैसे नेताओं को क्रमशः श्रीपेरंबुदूर, थूथुकुडी और नीलगिरी (एससी) की उनकी पारंपरिक सीटों से फिर से नामांकित किया गया है। डीएमके राज्य में 22 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। अपने गढ़ चेन्नई में DMK ने वरिष्ठ नेता दयानिधि मारन को चेन्नई सेंट्रल से और कलानिधि वीरासामी को चेन्नई उत्तर से और थमिझाची थंगापांडियन को चेन्नई दक्षिण से उम्मीदवार बनाया गया है।
एस जगतरक्षकन (अराक्कोनम), डी एम कथिर आनंद (वेल्लोर), के सेल्वम (कांचीपुरम एससी), और सी एन अन्नादुराई (तिरुवन्नामलाई) से फिर से उम्मीदवार बनाए गए हैं। पूर्व अन्नाद्रमुक नेता और कोयंबटूर के मेयर गणपति राजकुमार को कोयंबटूर लोकसभा सीट से टिकट मिला है। द्रमुक की सूची में तीन महिलाएं, 19 स्नातक, 12 स्नातकोत्तर, छह वकील और दो डॉक्टर शामिल हैं। दो उम्मीदवारों के पास डॉक्टरेट की उपाधि है।
सहयोगियों के साथ अपने सीट-बंटवारे समझौते के कारण DMK ने पुडुचेरी की एकमात्र सीट सहित 10 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी हैं। CPI, CPI (M) और VCK को 2-2 सीटें मिली हैं। IUML, MDMK और केएमडीके एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेगी।
पार्टी के घोषणा पत्र में महिलाओं से भी कई वादे किए गए हैं। द्रमुक ने केंद्र में विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की सरकार बनने पर सभी राज्यों में महिलाओं को 1,000 रुपये की मासिक सहायता और संसद व विधानसभाओं में उनके लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के तत्काल कार्यान्वयन का वादा किया है।
पार्टी ने सामाजिक न्याय के आधार पर शिक्षा व रोजगार में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का भी वादा किया। द्रमुक ने पूरे भारत में महिला स्वयं सहायता समूहों को 10 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को एक लाख रुपये तक ब्याज मुक्त वाहन ऋण देने का वादा किया गया है।