‘जियो गऊ समृद्धि’ से लंपी जैसी बीमारियां होंगी बेअसर
नई दिल्ली
रिलायंस जियो ने कुछ ऐसे 5जी सॉल्युशन्स डेवलेप किए हैं, जो ग्रामीण भारत की काया पलट करने की ताकत रखते हैं। ये 5जी सॉल्युशन्स गांवों में खेती-बाड़ी से लेकर पशुपालन तक सभी के तौर तरीकों को बदल कर रख देंगे। मुकेश अंबानी ने 5जी टेक्नोलॉजी को कामधुने करार दिया है, ऐसी टेक्नोलॉजी जो शहरों के साथ गांवों के लिए भी वरदान साबित होगी।
हाल ही में लंपी बीमारी ने हजारों पशुओं को लील लिया और एक ऐसे प्रोडक्ट की जरूरत महसूस होने लगी जो समय रहते पशुओं की बीमारी की जानकारी दे दे। ‘जियो गऊ समृद्धि’ के नाम से रिलायंस जियो ऐसा ही एक 5जी कनेक्टिड डिवाइस डेवलेप किया है। 5 साल तक काम करने वाले और 4 इंच के इस डिवाइस को पशुओं के गले में घंटी की तरह बांध देना है और बाकी काम ‘जियो गऊ समृद्धि’ करेगा। देश में करीब 30 करोड़ दुधारू पशु हैं ऐसे में सिर्फ 5जी की स्पीड और लो लेटेंसी के जरिए ही इतने सारे पशुओं पर एक साथ नजर रखी जा सकती है।
पशु ने कब खाना खाया, कब पानी पिया, कितनी देर जुगाली की यह सब जानकारी मोशन डिटेक्ट करने वाला यह डिवाइस पशुपालक को देता रहेगा। वैसे तो हर पशुपालक जानता ही है कि पशु बीमार पड़ने से पूर्व जुगाली कम कर देता है या बंद कर देता है। पुश के व जुगाली कम या बंद करते ही यह पशुपालक को अलर्ट जारी कर देगा। डिवाइस पशु के गर्भाधारण का सही वक्त भी बताएगा।
खेती बाड़ी और मिट्टी की सेहत का ख्याल रखने का काम भी अब जियो-कृषि 5जी डिवाइस से किया जा सकेगा। कितनी बारिश हुई है, मिट्टी और वातावरण में कितनी नमी है, अत्याधिक गर्मी और पाले की सूचना यह डिवाइस रियल टाइम में किसानों तक पहुंचाएगा। यहां तक कि किस खास मौसम की परिस्थिती में कौन सा कीड़ा फसल पर हमला कर सकता है यह अलर्ट भी किसानों को जियो-कृषि डिवाइस देगा।
जियो ने ऐसे ड्रोन सॉल्युशन बनाए हैं जो 5जी कनेक्टिड हैं। यह ड्रोन जियो-कृषि डिवाइस से डेटा कलेक्ट करके, फसल पर कीड़ा लगने की आशंका से पहले ही दवा का छिड़काव कर देगा। और तमाम सावधानियों के बावजूद भी अगर फसल में कीड़ा लग जाता है तो यह ड्रोन इतने इंटेलिजेंट हैं कि केवल उसी जगह पर छिड़काव करेंगे जहां फसल में कीड़े लगे होंगे। मिट्टी अच्छी होगी तो फसल भी लहलहाएगी और गांव समृद्ध बनेंगे।