ज़रा सा दबाव पड़ते ही मार दिया यू टर्न, राहुल का पूर्णिया में नितीश पर हमला
पूर्णिया:
बिहार में बदले सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहली बार नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोलते हुए बड़ा बयान दिया है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान पुर्णिया के रंगभूमि मैदान में रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि थोड़ा सा दबाव पड़ते ही नीतीश ने यू-टर्न ले लिया। लेकिन सामाजिक न्याय लाने के लिए हमें उनकी जरूरत नहीं है।
राहुल गांधी ने इस दौरान एक चुटकुला सुनाते हुए कहा कि आपके राज्य के मुख्यमंत्री के बारे में चुटकुला है। आपके मुख्यमंत्री गवर्नर के यहां शपथ ग्रहण के लिए गए। बड़ा धूमधाम था। वहां बीजेपी के नेता, गवर्नर साहब बैठे थे। मुख्यमंत्री और मंत्री पद की शपथ ली जाती है। फिर वह निकल जाते हैं सीएम हाऊस के लिए। गाड़ी में पता चलता है कि वह अपना शॉल गवर्नर के घर छोड़ आए हैं। इस पर वह ड्राइवर से गवर्नर के घर वापस चलने को कहते हैं। जैसे ही गवर्नर के पास जाते हैं और दरवाजा खुलता है तो गवर्नर कहते हैं, ‘अरे, इतनी जल्दी आ गए?’। ऐसी हालत है बिहार की. थोड़ा सा दवाब पड़ता है और यूटर्न ले लेते हैं।
राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि बिहार में लोगों को सामाजिक न्याय दिलाना हमारे गठबंधन की जिम्मेदारी है और इसके लिए हमें नीतीश जी की जरूरत नहीं है। मैंने उनसे सीधे कहा कि आपको बिहार में जातीय जनगणना कराना होगा। जब हमने नीतीश जी से जातिय सर्वे कराने पर जोर दिया तब बीजेपी डर गई। क्योंकि बीजेपी इसके विरोध में है। बीजेपी नहीं चाहती थी कि बिहार में जातिगत जनगणना हो, क्योंकि वे देश को सच बताने से डरते हैं। बीजेपी नहीं चाहती कि जनता का ध्यान सामाजिक न्याय पर जाए। नीतीश जी फंस गए और बीजेपी ने उन्हें भागने के लिए रास्ता उपलब्ध करा दिया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) देश का सबसे बड़ा समाज है, लेकिन, मैं अगर आपसे सवाल करूंगा कि देश में ओबीसी समाज की आबादी कितनी है तो आप नहीं बता पाएंगे। इस देश की सरकारी संस्थाओं को 90 अफसर चलाते हैं, जिनमें सिर्फ 3 अफसर ओबीसी वर्ग के हैं। इस सरकार में ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग के लोगों की कोई भागीदारी नहीं है। आपको मीडिया, टीवी या कंपनियों के मालिक भी ओबीसी, एससी-एसटी या आदिवासी वर्ग से नहीं मिलेंगे। इससे साफ है कि हिंदुस्तान के किसी भी क्षेत्र में ओबीसी, एससी-एसटी और आदिवासियों को न्याय नहीं मिल रहा है। इस देश में किसकी कितनी आबादी है, इसको लेकर गिनती हो जानी चाहिए है। इससे हमें पता चलेगा कि किस समाज की कितनी जनसंख्या है। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय बताया।