ढब्बू जी आज भी पसंद किये जाते हैं: आबिद सुरती
लखनऊ:
सुप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट और दो बूंद पानी अभियान के प्रणेता आबिद सुरती के सम्मान में ‘एक शाम आबिद सुरती के नाम’ का आयोजन यू पी प्रेस क्लब व उ प्र साहित्य सभा द्वारा किया गया। खचाखच भरे सभागार में आबिद जी को शाल व प्रतीक चिन्ह देकर रविन्द्र सिंह, के विक्रम राव, सर्वेश अस्थाना हसीब शिद्दीकी व शिव शरण सिंह व व्यंग्यकार के कांत अस्थाना ने किया।
हरिमोहन बाजपेयी माधव के संयोजन व संचालन में कई आबिद सुरती से जुड़े संस्मरण सुनाये। के विक्रम राव ने पुराने और अन्य कार्टूनिस्टों का ज़िक्र करते हुए सुरती जी को संदर्भित किया। उ प्र साहित्य सभा के मुखिया सर्वेश अस्थाना ने आबिद जी के व्यंग्य चित्रों को सरल और संप्रेषणीय साहित्य बताया। आबिद सुरती ने बताया एक समय तो ऐसा था कि मेरा नाम ही ढब्बू जी हो गया था। ढब्बू जी आज भी पसंद किए जाते हैं।
विचार श्रृंखला में डॉ राम बहादुर मिश्र व बूंद बूंद पानी के फारूक जी व सहित्यहार नरेंद्र भूषण ने भी अपने विचार प्रकट किये। के कांत अस्थाना ने उनके पानी संरक्षण कार्य को ह्त्वपूर्ण बताया। हसन ज़ैदी ने आबिद सुरती का ही कार्टून चित्र बना कर उन्हें भेंट किया। इस अवसर पर पी के तिवारी, राम बाबू, भपेंद्र अस्थाना, मुकेश वर्मा नरेंद्र भूषण, केवल प्रसाद सत्यम,प्रतिभा श्रीवास्तव व राजीव वर्मा वत्सल जी सहित अनेक चित्रकार, साहित्यकार व पत्रकार उपस्थित थे।