गरीब नवाज मस्जिद का ध्वंस गैरकानूनी, दोषी अधिकारियों के खिलाफ हो कड़ी कार्यवाही: उत्तर प्रदेश कांग्रेस
लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बाराबंकी जनपद की तहसील रामसनेहीघाट स्थित सुमेरगंज की सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अभिलेखों में दर्ज कदीमी गरीब नवाज मस्जिद पर की गयी ध्वंस की कार्यवाही को गैरकानूनी बताते हुए कहा कि कोरोना महामारी के साथ ब्लैक फंगस की बढ़ती विकरालता को रोकने और लोगों को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, रेमडेसिविर व इलाज उपलब्ध कराने में विफल होने के बाद लोगों का ध्यान भटकाने के लिए गरीब नवाज मस्जिद पर बिना दीवानी न्यायालय के आदेश के जबरन 133 की ध्वस्तीकरण की कार्यवाही कराकर धार्मिक भवनायें भड़काने का घृणित कृत्य किया है जबकि उपरोक्त मस्जिद का मामला माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में ध्वस्तीकरण की कार्यवाही क्यों की गयी योगी सरकार बताये?
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बिना न्यायालय के आदेश के कदीमी मस्जिद पर धारा 133 के तहत की गयी कार्यवाही पूरी तरह गैरकानूनी और अवैध है, क्योंकि मस्जिद का मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन होने के साथ स्थगनादेश भी था फिर ध्वंस की कार्यवाही जल्दबाजी में क्यों करायी गयी? उन्होंने मस्जिद के तत्काल पुर्ननिर्माण की मांग करते हुए कहा कि मस्जिद ध्वंस मामले में संलिप्त सभी दोषी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्यवाही किये जाने एवं घटना की माननीय हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जाँच कराये जाने की मांग की है।
लखनऊ से सुमेरगंज स्थित ध्वंस की गयी मस्जिद स्थल तक जाते समय प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं छत्तीसगढ़ के प्रभारी पी0एल0 पुनिया, पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व विधायक राजलक्ष्मी वर्मा व जगदीशपुर के पूर्व विधायक राधेश्याम कनौजिया को स्थानीय प्रशासन द्वारा रोकने व लखनऊ वापस करने की कार्यवाही की तीखी निंदा की गयी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में विफल होने के बाद धार्मिक भावनाएं भड़का कर मामले को दूसरी दिशा में डायवर्ट करने का घृणित प्रयास कर रही है।
पूर्व सांसद राज्यसभा एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी पी0एल0 पुनिया ने कहा कि सुमेरगंज में मस्जिद का गिराया जाना लोकतंत्र और न्यायपालिका पर गहरा आघात है। इससे साबित होता है कि योगी सरकार का लेाकतंत्र और न्यायपालिका पर विश्वास नहीं रह गया है।
पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि भाजपा का एजेण्डा ही समाज को बांटने का रहा है। जिस प्रकार उच्च न्यायालय में मामला लम्बित रहने के दौरान मस्जिद ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गयी है वह न्यायिक दृष्टि से उचित नहीं है। योगी सरकार समाज को बांटने का कुत्सित प्रयास बन्द करे।