ईंट भट्ठा उद्योग में पहली बार न्यायसंगत बदलाव के लिए सरकार से सब्सिडी की मांग
सबको साथ ले कर चलेगा ईंट भट्ठा उद्योग, पर्यावरण संरक्षण, मजदूरों के प्रशिक्षण और सब्सिडी से बढ़ेगी सभी वर्गों की आय
बुनियाद अभियान ने मालिकों और मजदूरों के बीच घटाई दूरी, सभी हितधारक अगले हफ्ते लखनऊ में तय करेंगे आगे की योजना
लखनऊ:
यूपी प्रेस क्लबमें क्लाइमेट एजेंडा के द्वारा आज एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. यह प्रेस वार्ता ईंट भट्ठा उद्योग में व्यापक तकनीकी बेहतरी के लिए प्रांतीय स्तर पर बुनियाद अभियान द्वारा किये जा रहे प्रयासों को मीडिया से साझा करने के उद्देश्य से आयोजित की गयी. इस प्रेस वार्ता को प्रमुख रूप से शहर की प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता ताहिरा हसन जी, क्लाइमेट एजेंडा की निदेशक एकता शेखर, बुनियाद अभियान की संयोजक सानिया अनवर, अभियान के सहयोगी संगठन सी ई आर टी, प्रयागराज के सचिव श्री वीरेन्द्र कुमार राय और जन विकास केंद्र अम्बेडकरनगर के सचिव श्री मनोज कुमार ने सम्बोधित किया.
बुनियाद अभियान के बारे में बताते हुए वक्ताओं ने कहा: “पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत ईंट भट्ठा उद्योग में न्यायसंगत तकनीकी बदलाव इस अभियान का केंद्रीय तत्व है. तकनीकी बदलाव को हम न्यायसंगत तभी कह सकेंगे अगर ईंट भट्ठा उद्योग पारंपरिक तकनीकी से आगे बढ़ कर जिग ज़ैग जैसी तकनीकी अपना ले, पर इसका लाभ केवल पर्यावर्णीय क्षेत्र या ईंट भट्ठा मालिकों के बीच सीमित रहने के बजाये भट्ठा मजदूरों और आस पास रहने वाले ग्रामीण समुदायों तक भी पहुंचे.
इस बारे में वक्ताओं ने बताया “वर्षों से करोड़ों हाथों को रोजगार देने वाले ईंट भट्ठा उद्योग को आज बहुत सारी गलत वजहों से जाना जाता है. पर्यावरण को पहुँचने वाली क्षति के साथ साथ मजदूरों की दशा हमेशा से चिंता का कारण बनी रही है. मालिकों और मजदूरों के आपसी सम्बन्ध काफी असंतोष झलकता है. अभियान के इस प्रथम चरण में इस उद्योग से जुड़े सभी हितधारकों को एक साथ एक पटल पर लाने का प्रयास किया जा रहा है. राज्य सरकार और माननीय एन जी टी के आदेशों के आधार पर यह तकनीकी बदलाव तो अनिवार्य है, पर इसे सुगम बनाने के उद्देश्य से यह अभियान सरकार से सब्सिडी देने की मांग प्रमुखता से कर रहा है. इन समाधानों के मार्फ़त बुनियाद अभियान इस उद्योग
को उत्तर प्रदेश के एक ऐसे आदर्श उद्योग के रूप में प्रतिष्ठित कराने का प्रयास कर रहा है जो न्यायसंगत बदलाव के सन्दर्भ में अन्य उद्योगों के लिए प्रेरणाश्रोत बन सके.”
बुनियाद के अगले कदम के बारे में बताते हुए वक्ताओं ने कहा कि प्रांतीय स्तर पर सभी हितधारकों को एक पटल पर लाने की कोशिश में अगले हफ्ते एक बैठक लखनऊ में आयोजित हो रही है. इस बैठक के माध्यम से एक प्रांतीय पटल की औपचारिक घोषणा प्रस्तावित है. इस पटल में शामिल सभी हित धारक इस उद्योग के अन्दर न्यायसंगत परिवर्तन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अगले कुछ महीनों में एक कार्ययोजना का निर्माण करेंगे, जिसे बुनियाद अभियान द्वारा राज्य सरकार को सौंपा जाएगा.
विदित हो कि बुनियाद अभियान प्रांतीय स्तर पर अपनी गतिविधियाँ विभिन्न हितधारक समुदायों के बीच चला रहा है. इन गतिविधियों के माध्यम से अब तक उद्योग से जुड़े सभी हित धारकों को एक मंच पर लाने के क्रम में प्रदेश भर से लगभग 400 ईंट भट्ठा मालिक, दस से अधिक ईंट भट्ठा संगठन और मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि एवं राष्ट्रीय स्तर पर इस उद्द्योग को अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे विभिन्न तकनीकी विशेषग्यो को अभियान से जोड़ा गया है. राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन प्राप्त बायो कोल उद्द्यमियों के साथ साथ, राज्य सरकार के अधीनस्थ कार्यरत युपीनेडा और पंचायती राज के प्रतिनिधियों को भी इस अभियान से जोड़ा गया है, ताकि उद्योग के अन्दर अपेक्षित बदलाव के सभी गतिरोध ख़त्म किये जा सकें. छोटे छोटे समूहों में आयोजित बैठकों के बाद वृहत बैठकों का आयोजन भी किया गया जिस में इस उद्योग से जुड़े सभी वर्गों के प्रतिनिधि एकजुटता के साथ शामिल हुए. विभिन्न सर्वेक्षणों, पर्चों, सांस्कृतिक आयोजनों आदि के माध्यम से व्यावसायियों, कामगारों, और ग्रामीण समुदायों के बीच एकजुटता पर बल दिया गया और प्रदूषण से लेकर मजदूरों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में बेहतरी के लिए मिल कर प्रयास करने पर सहमति बनाई गयी.