विदेशी मूल के तब्लीग़ी जमातियो को उनके वतन भेजने का फैसला सराहनीय: मौलाना अरशद मदनी
नई दिल्ली: हरियाणा की एक जिला अदालत (नूह) ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी छह देशों के 57 विदेशी जमातियों पर विदेशी नियमों के तहत लगाई गई सभी धाराएं निराधार है और हरियाणा सरकार को आदेश दिया कि सभी जमातियों को तत्काल बरी किया जाए और सभी को उनके देश भेजने की व्यवस्था की जाए.
मौलाना मदनी ने कहा कि इन विदेशी मूल के जमातीयो को मेवात पुलिस ने 2 अप्रैल 2020 को हिरासत में लेकर उन सभी के खिलाफ महामारी और विदेशी कानून का उल्लंघन करने की धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया था, इस मुद्दे पर मेवात ज़िला अदालत ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी आरोपी एक भारतीय अनुवादक पर धारा 188 के तहत सरकारी आदेश का उल्लंघन करने का आरोपी क़रार देते हुए सभी पर एक हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया जिसे आरोपियों की ओर से तत्काल जमा किया गया और अदालत ने विदेशी कानूनों के तहत लगाई गई सभी धाराओं को निराधार मानते हुए सभी को बरी कर दिया जिसमें इंडोनेशिया, श्रीलंका, साउथ अफ्रीका, बांग्लादेश, थाईलैंड और नेपाल के जमाती शामिल थे।
मौलाना मदनी ने कहा कि आरोपियों की तरफ से एडवोकेट शौकत अली ने चालान पर अदालत में बहस की।
अंत में मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि विदेशी जमात के यह सभी लोग नियमानुसार वीज़ा लेकर आए थे, यह आज का कोई नया सिलसिला नहीं है बल्कि देश की आज़ादी के बाद से इसी प्रकार से लोग आते रहे हैं, हालांकि वीज़ा पर्यटक का होता है लेकिन तब्लीग सीखने के लिए आते हैं और भारत के विभिन्न शहरों में विभिन्न जमातों के साथ वर्षों से इसी तरह तबलीग सीखने के लिए जाते हैं इसलिए उनके लिए कोई कड़ा रुख अपनाना उचित नहीं। अदालत ने इन विदेशियों के लिए जो रुख अपनाया है उसे हम सम्मान की दृष्टि से देखते हैं और आशा करते हैं कि देश के अन्य राज्यों की अदालतें भी उन्हें न्याय देगी