दिल्ली:
मध्य प्रदेश के सागर जिले में मंदिर के भंडारे में खाना खाने को लेकर एक दलित परिवार के साथ भेदभाव और जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल का मामला सामने आया है. दलित परिवार ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है.

बताया जा रहा है कि सागर जिले के सेमरा गांव में राम जानकी मंदिर में 4 जुलाई को भंडारा था. मंदिर में आयोजित भंडारे में खाना खाने पहुंचे दलित परिवार को प्रसाद नहीं लेने दिया गया. दलित परिवार ने गांव के ऊंची जाति के दो लोगों पर प्रसाद देने से इनकार करने और उन पर फेंकने का भी आरोप लगाया है.

पीड़ित दलितों ने बताया कि पूरे गांव से चंदा और अनाज इकट्ठा कर सामुदायिक भोज (भंडारा) का आयोजन किया गया था. दलित समुदाय के सदस्यों ने भी योगदान दिया। भंडारे का दिन तय हुआ तो हम भी मंदिर पहुँच गये। इस दौरान गांव के रहने वाले बब्लू कुशवाहा और राम भजन यादव ने दलित महिलाओं और बच्चों पर प्रसाद फेंक दिया. आरोपियों ने दलित को भंडारा खा रहे लोगों के साथ न बैठने की चेतावनी भी दी.

जब दलित समुदाय के सदस्यों ने इस भेदभावपूर्ण व्यवहार पर आपत्ति जताई, तो कुशवाह और यादव ने अपमानजनक जाति-आधारित अपशब्दों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, जिससे स्थिति और खराब हो गई। घटना के बाद दलित समुदाय ने उसी दिन अमादारा थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी और कड़ी कार्रवाई की मांग की.

दोनों आरोपियों के खिलाफ 7 जुलाई को भारतीय दंड संहिता की धारा 294 (अश्लील कृत्य या शब्द), 506 (आपराधिक धमकी) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। दोनों आरोपी फिलहाल फरार हैं.