भारत में मानसून और उसके बाद बदलते मौसम में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर खासकर बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं। आमतौर पर मानसून में सर्दी , खाँसी, मलेरिया, डेंगू, टायफाइड और निमोनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं। इस सिलसिले में डाबर च्यवनप्राश ने आज बाल निकुंज गर्ल्स अकेडमी अलीगंज लखनऊ में छात्र और छात्राओं के लिये जागरूकता सत्र का आयोजन किया। इस मौके डा. उप्रेती ने बच्चों को रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में कई जानकारियां दी और बताया कि सदियों पुरानी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति पर आधारित औषधि की मानसून के रोगाणुओं से लड़ने में कैसे मददगार है।

स्कूली बच्चों को सम्बोधित करते हुए शिवा हॉस्पिटल के आयुर्वेद फिजिशियन डा- आर-सी- उप्रेती ने कहा च्यवनप्राश एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक सूत्र है, जिसका इस्तेमाल कई दशकों से इम्युनिटी को बढ़ाने और इन्फेक्शन से सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जा रहा है। सदियों पुराने इसी सूत्र पर आधारित डाबर च्यवनप्राश में विभिन्न जड़ी-बूटियों और खनिज लवण के गुण शामिल हैं। डाबर च्यवनप्राश अपने रोग प्रतिरोधी प्रभावों के कारण कई तरह की बीमारियों की रोकथाम में मदद करता है। डाबर च्यवनप्राश रोगाणुओं से लड़ने वाले डेंट्रिक सेल, एनके सेल और मैक्रोफेज को सक्रिय करने में मदद करता है।

इस मौके पर मैनेजर कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन डाबर इंडिया लिमिटेड दिनेश कुमार ने इंस्टेंट खबर से आज के इवेंट के बारे में संक्षेप में जानकारी देते हुए कहा कि वर्षा जनित बीमारियों से लड़ने के लिए इम्मयूनिटी का मज़बूत होना बहुत ज़रूरी है और डाबर च्यवनप्राश इम्युनिटी को बढ़ाने में एक कारगर हथियार है, उन्होंने कहा कि डाबर इंडिया ने आज डाबर च्यवनप्राश इम्म्यून इंडिया कैम्पेन लांच किया है, ये कैम्पेन देश के कई राज्यों के 11 शहरों में चलाया जायेगा और 3000 से ज़्यादा बच्चों तक इस कैम्पेन के ज़रिये पहुंचा जायेगा। इस कार्यक्रम को कामयाब बनाने में बल निकुंज अकेडमी के एमडी एच-एन- जायसवाल, प्रधानाचार्या डा- अनूप कुमारी शुक्ला, कोआर्डिनेटर सुधीर मिश्रा, ओपी वर्मा और सामाजिक कार्यकर्ता पंकज तिवारी का बड़ा सहयोग रहा.