मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHK) के नाम से प्रसिद्ध अटल बिहारी वाजपेई सेवरी-न्हावा सेवा अटल सेतु जांच के घेरे में आ गया है। दरअसल, नवी मुंबई में उलवे की ओर एग्जिट रोड पर दरारें दिखाई दी हैं। बता दें कि देश के सबसे लंबे सी ब्रिज अटल सेतु का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 6 महीने पहले ही उद्घाटन किया था। नव निर्मित पुल पर आई इन दरारों ने विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने इस मामले में बड़ा भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया है।

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले शुक्रवार को इन दरारों का जायजा लेने पहुंचे थे। स्थिति देखने के बाद उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि मैं आपको यह दिखाने के लिए आया हूं कि जो हम कह रहे हैं वह केवल आरोप नहीं है। सरकार दिखा रही है कि वह लोगों के लिए काम कर रही है, लेकिन आप खुद यहां देख सकते हैं कि कितना भ्रष्टाचार हो रहा है। जनता को इस तरह की सरकार को सत्ता से हटाने की योजना बनानी चाहिए।

बता दें कि करीब 17,840 करोड़ रुपये की लागत से बने एमटीएचएल का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल जनवरी में किया था। इस पुल का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री और दिग्गज राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में किया गया है। यह मुंबई और नवी मुंबई के बीच कनेक्टिविटी बेहतर करने और यात्रा के समय को घटाने के लक्ष्य के साथ बनाया गया एक उल्लेखनीय इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है। लेकिन उद्घाटन होने के केवल 6 महीने के अंदर ही इस पर आई दरारों ने बड़े सवाल उठाए हैं।

वहीं, सेतु के जिस हिस्से पर दरार आई है वहां के प्रोजेक्ट मैनेजर कैलाश गणात्रा ने इन दावों को अफवाह बताया है। गणात्रा ने कहा कि ये एक सर्विस रोड है। यह मेन ब्रिज का एक कनेक्टिंग पार्ट है। जिसे लास्ट मूमेंट पर बनाया गया था। यहां पर कंस्ट्रक्शन हुआ था लेकिन पास में खाड़ी होने की वजह से पहली बारिश में मिट्टी सेटल होती है। ये माइनर क्रैक्स हैं, फिलिंग का काम शुरू हो गया है जो कल शाम तक पूरा हो जाएगा। यातायात में कोई बाधा नहीं आई है। जनता को दिक्कत नहीं हुई है।