गौशालाओं में गौवंश हो रहे बदइंतजामी के शिकार: एनसीपी
लखनऊ: राज्य में सरकार बनने के बाद से ही गायों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और उनकी देखभाल के लिए कई फैसले लिए गए, गोशालाएं बनवाने के निर्देश दिए गए और बजट में अलग से इसके लिए प्रावधान किया गया। लेकिन राज्य का शायद ही कोई ऐसा इलाका हो जहां से आए दिन गायों-बछड़ों के मरने की खबर न आती हो, वो भी भूख से मरने की। यह जानकारी देते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने इसी साल सभी गांवों में गोशाला और शहरी इलाकों में पक्के आश्रय स्थल बनवाने के निर्देश दिए थे लेकिन गर्मी आते ही ज्यादातर आश्रय स्थलों में गायें चारे और पानी के अभाव में दम तोड़ दे रही हैं ।
श्री यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड से लेकर सभी जिलों में गौवशं पशु वहां के किसानों के लिए पहले सी गंभीर समस्या बने हुए थे, लेकिन अब ये स्थिति और भयावह हो गई है मई महीने में गर्मी के विकराल रूप धरने और गोशालाओं में बदइंतजामी के चलते अचानक कई जगहों से गायों के मरने की आ रही हैं आगरा, मथुरा, कन्नौज, कानपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा के अलावा पूर्वांचल की भी कई गोशालाओं में गाय-बछड़ों की मौत हो हो रही हैं।
दरअसल, गोशालाएं ऐसी जगहों पर बनी हैं जहां पेड़ तक नहीं हैं और ऐसी स्थिति में दिन में गोशाला के भीतर भी उनका रहना मुश्किल होता है क्योंकि टिनशेड से भीतर गर्मी और बढ़ जाती है। इन गौशालाओं का बदइंतजामी का हाल ये हैं कि गौवंशो को भर पेट चारे की कौन कहे पीने का पानी भी बड़ी मुश्किल से नसीब हो रहा है।